कार्य दबाव या तनाव के कारण देश के 40 फिसदी डॉक्टर नींद की गोलियां रहते है। अपने काम के दौरान डॉक्टरों की कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। गाडगे डायबिटीज केयर सेंटर ने एक सर्वेक्षण किया जिसमें काम के दबाव के चलते 40 फीसदी से ज्यादा डॉक्टर सोने की गोलियां लेते है। सर्वेक्षण में पाया गाय की जो 40 फिसदी डॉक्टर नींद की गोलियां लेते है उनसे 40 प्रतिशत डॉक्टर महिलाएं है और 60 प्रतिशत पुरुष। 40 या उससे अधिक उम्र के डॉक्टर नींद की गोलियों का सेवन ज्यादा करते है।
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30 से 40 के बीच आयु वर्ग के डॉक्टर अधिक
फ्रि प्रेस जर्नल में छपे इस सर्वेक्षण में 30 से 40 के बीच आयु वर्ग के डॉक्टर कार्य में अधिक बोझ और उदास महसूस किए। मुंबई के विभिन्न विशेषज्ञों से 100 से अधिक प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुईं। कई सामान्य चिकित्सकों, स्त्रीरोग विशेषज्ञ, हृदय रोग विशेषज्ञों ने इस गतिविधि में भाग लिया। हफ्ते में करीब पांच दिन डॉक्टर नींद की गोलियां खाती है ताकि शांतिपूर्ण नींद आ सके।
दोस्तों और परिवार को भी समय देना मुश्किल
सर्वेक्षण ऑनलाइन और साथ ही ऑफ़लाइन आयोजित किया गया था। इस सर्वेक्षण में जीवन शैली से संबंधित सवाल पुछे गये थे। आम लोगों की तरह, य डॉक्टरों के पास अलग-अलग समस्याएं होती हैं, जैसे कि भावनात्मक तनाव , दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताना और अपने काम पर ध्यान देना।