घरो के नमक में प्लास्टिक के कण- IIT

  • नितेश दूबे & नम्रता पाटील
  • सिविक

देश के कई राज्यों में प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। भले ही सरकार ने प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा दिया हो लेकिन अभी भी ये प्लास्टिक हमारे जीवन में किसी ना किसी तरह आ ही जाता है। आईआईटी मुंबई के वैज्ञानिकों ने एक शोध में पाया है की हमारे घरों में जिस नमक का इस्तेमाल होता है उसमें प्लास्टिक के कुछ अति सुक्ष्म कण पाए गये है।

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) बांबे के एक अध्ययन में देश में कई ब्रांड के नमक में माइक्रोप्लास्टिक पाया गया है। माइक्रोप्लास्टिक वास्तव में प्लास्टिक के बहुत छोटे कण होते हैं। इनका आकार पांच मिलीमीटर से भी कम होता है। पर्यावरण में उत्पाद के धीरे-धीरे विघटन से इनका निर्माण होता है। आईआईटी-बंबई के सेंटर फॉर इनवायर्नमेंट साइंस एंड इंजीनियरिंग की एक टीम ने जांचे गए नमूनों में माइक्रो-प्लास्टिक के 626 कण पाये हैं। अध्ययन में कहा गया है कि माइक्रोप्लास्टिक के 63 प्रतिशत कण छोटे-छोटे टुकड़ों के रूप में थे, जबकि 37 प्रतिशत फाइबर के रूप में थे।

दुनिया भर के नमक में प्लास्टिक

इसी तरह के शोध दुनिया के अन्य देशों में किया गया है, और पिछले चार वर्षों में, शोध में पाया गया है कि माइक्रोस्कोपिक कण और फाइबर चीन, अमेरिका, इंग्लैंड, स्पेन, तुर्की, फ्रांस आदि जैसे देशों से नमक के नमूनों में पाए गए हैं। नमकीन नमूने में पाए गए प्लास्टिक कण स्पेन और तुर्की साबुन में पाए जाते हैं।

80 फिसदी नमूनों में प्लास्टिक

प्रयोगशाला में 80 फिसदी नमूनो में प्लास्टिक के कण पाए गये। इस प्लास्टिक के कणों का आकार 0.5 मिलिमीटर है। शोधकर्ताओं ने पाया कि 5 मिलीमीटर आकार के फाइबर भी लेकिन उनकी संख्या कम थी। पॉलिथिन टेराप्रथलेट और पॉलिएस्टर में पाए जाने वाले तत्व इस नमक में पाए जाते हैं।

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