महाराष्ट्र के सरकारी मेडिकल कॉलेजों एवं अस्पतालों में रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसरों की सुरक्षा के संबंध में व्यापक समीक्षा की जाए। इसके लिए राज्य स्तर पर और मुंबई शहर में कॉलेजों के समन्वय के लिए पुलिस अधिकारियों की नियुक्ति की जानी चाहिए। साथ ही रेजिडेंट चिकित्सा अधिकारियों को आवास, छात्रावास उपलब्ध कराने के प्रयास प्राथमिकता से किये जायें। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आज यहां यह योजना बनाने का निर्देश दिया कि इन चिकित्सा अधिकारियों को उनकी ट्यूशन फीस नियमित रूप से मिलेगी।
रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन की बैठक
रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन एमएआरडी के साथ-साथ मुंबई नगर निगम के मेडिकल कॉलेजों के संगठन बीएमसी-एमएआरडी की विभिन्न मांगों को लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में वर्षा सरकारी आवास पर एक बैठक आयोजित की गई।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के सकारात्मक रुख और मांगों पर फैसले के बाद दोनों यूनियनों ने घोषणा की कि वे चल रही हड़ताल वापस ले रहे हैं। दोनों संगठनों के अध्यक्षों एवं उपस्थित प्रतिनिधियों ने कल रक्तदान शिविर में रक्तदान कर हड़ताल वापस लेने की घोषणा की। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर पूरी तरह से सरकारी कॉलेज से संबद्ध अस्पतालों में सेवा दे रहे हैं।
सुरक्षा पर होगा खास ध्यान
उनके मरीज़ों की देखभाल के महत्व को ध्यान में रखते हुए उनकी सुरक्षा, आवास के संबंध में संवेदनशील कदम उठाना आवश्यक है। हम उनसे अच्छे काम और सेवा की उम्मीद करते हैं।' इसलिए उन्हें भी अच्छी सुविधाएं दी जानी चाहिए। इसके लिए गृह विभाग, लोक निर्माण विभाग एवं अन्य संबंधित एजेंसियों से समन्वय बनाकर कार्य करने की अपेक्षा की जाती है। इसके लिए ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि मुख्यमंत्री कार्यालय से लगातार समन्वय बना रहे.
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा दिए गए निर्देश थे कि छात्रावासों की उपलब्धता के संबंध में लोक निर्माण विभाग और मुंबई नगर निगम को किराए पर भवन उपलब्ध कराने की योजना बनानी चाहिए। शौचालय, सीसीटीवी, बिजली जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए छात्रावासों के नवीनीकरण की समीक्षा की जानी चाहिए।
राज्य में सरकारी मेडिकल कॉलेज-अस्पताल से जुड़े परिसर की सुरक्षा की फिर से समीक्षा की जानी चाहिए। पुलिस विभाग को सुरक्षा के लिए विभिन्न एजेंसियों से भर्ती किए गए सुरक्षा गार्डों को प्रभावी सुरक्षा प्रशिक्षण प्रदान करना चाहिए। इन दोनों संगठनों के साथ समन्वय के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को समन्वय अधिकारी के रूप में नियुक्त किया जाना चाहिए। मुंबई और राज्य के उन इलाकों के पुलिस स्टेशनों के वरिष्ठ अधिकारियों को इस मेडिकल कॉलेज के साथ समन्वय करके योजना बनानी चाहिए ताकि सुरक्षा व्यवस्था को लेकर विश्वास पैदा हो।
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