पुणे के पास स्थित भीमा-कोरेगांव में एक जनवरी के दिन हुई हिंसा अब पूरे महाराष्ट्र में फैल चुकी है। बुधवार को इस हिंसा के विरोध में अलग अलग दलित संगठनों की ओर से महाराष्ट्र बंद का ऐलान किया गया था। इस मामले में हिंसा फैलाने के आरोप में मंगलवार को दो लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। संभाजी भिड़े और मिलिंद एकबोटे के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। 85 वर्षीय भिड़े पर भीमा-कोरेगांव की लड़ाई की 200वीं वर्षगांठ के दौरान हिंसा फैलाने का आरोप लगा है।
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कौन है संभाजी भिड़े
संभाजी भिडे सांगली के रहनेवाले है। संभाजी भिडे आरएसएस के सदस्य भी रह चूके है। भिड़े का शिव प्रतिष्ठान हिंदुस्तान राज्य में कई सामाजिक कार्य करता है और संभाजी भिड़े अपने समर्थकों के बीच गुरुजी के नाम से भी जाने जाते हैं। पीएम मोदी 2014 लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान एक बार महाराष्ट्र के गए थे औरब उन्होंने संभाजी से व्यक्तिगत तौर पर मुलाकात भी की थी। पीएम मोदी के अलावा शिवसेना कार्याअध्यक्ष उद्धव ठाकरे भी भिड़े से मुलाकात करते दिख चुके है। 2008 में भिड़े के समर्थकों ने फिल्म जोधा-अकबर की रिलीज के खिलाफ थिअटरों में तोड़फोड़ की थी।
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क्या है मिलिंद एकबोटे का इतिहास
मिलिंद एकबोटे के खिलाफ दंगा भड़काने, अवैध कब्जा करने, धमकाने और दो समुदायों के बीच वैमनस्य फैलाने के 12 मामले दर्ज हैं। मिलिंद एकबोटे पुणे में बीजेपी की ओर से 1997 से 2002 तक पार्षद भी रह चुके है। एकबोटे पुणे में ही रहते आ रहे है।
बहुजन रिपब्लिकन पार्टी की सदस्य और सामाजिक कार्यकर्ता अनीता रवींद्र साल्वे की शिकायत के आधार पर पुणे में दोनों नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।