बीजेपी के पूर्व विधायक नरेंद्र मेहता (Narendra mehta) को बलात्कार की शिकायत के मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट( bombay high court) से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति बी.पी. धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति एन.आर. बोरकर ने पुलिस को 20 मार्च तक मेहता के खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया है। कोर्ट के इस आदेश के बाद फिलहाल नरेंद्र मेहता की गिरफ्तारी टल गई है।
वीडियों हुआ वायरल
आपको बता दे की कुछ दिनों पहले बीजेपी के पूर्व विधायक नरेंद्र मेहता का एक वीडियों का वायरल(spcial media) हुआ था जिसमें विधायक नरेंद्र मेहता आपत्तिजनक स्थिती में दिख रहे थे। मीरा भाईंदर महानगरपालिका( mira bhayandar) की भाजपा नरसेविलाक ने पुलिस महानिरीक्षक के दफ्तर से एक वीडियो वायरल कर मेहता पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। वहीं, दूसरे दिन पुलिस थाने जाकर मेहता के खिलाफ दुष्कर्म सहित एट्रोसिटी के तहत मामला दर्ज कराया था। मामला दर्ज होने के बाद से मेहता फरार थे। हालांकी कोर्ट से राहत मिलने के बाद वह गगुरुवार को फिर से अपने दफ्तर पहुंचे।
शादी के झूठे बहाने से करीब दो दशक तक किया यौन उत्पीड़न
पिछड़े समुदाय से संबंध रखनेवाली महिला ने शिकायत में आरोप लगाया गया है कि मेहता ने भावनात्मक आधार पर शुरू में और बाद में अपने राजनीतिक रसूख के आधार पर शादी के झूठे बहाने से करीब दो दशक तक उनका यौन उत्पीड़न किया अधिकारी ने बताया कि तारकर और मेहता के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 376 (बलात्कार) और अन्य प्रासंगिक धाराओं और अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार की रोकथाम) कानून, 1989 के तहत मामला दर्ज किया गया है। मेहता के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 376 (बलात्कार) और अन्य प्रासंगिक धाराओं और अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार की रोकथाम) कानून, 1989 के तहत मामला दर्ज किया गया
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