महाराष्ट्र ने ड्रॉपआउट कम करने के लिए विज्ञान और गणित में पासिंग मार्क्स घटाकर 20 हुआ

महाराष्ट्र सरकार ने संशोधित राज्य पाठ्यचर्या रूपरेखा (SCF-SE) के तहत कक्षा 10 के छात्रों के लिए एक नई नीति शुरू की है। इस नीति के अनुसार, जो छात्र विज्ञान और गणित में 35 अंकों का उत्तीर्ण स्कोर प्राप्त नहीं कर पाते हैं, वे अभी भी कक्षा 11 में आगे बढ़ सकेंगे। यह तभी लागू होगा जब वे इन विषयों में कम से कम 20 अंक प्राप्त करेंगे। (Maharashtra lowers passing marks criteria for Class 10 students to reduce dropouts)

इन छात्रों को कक्षा 11 में विज्ञान या गणित लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके बजाय, उन्हें अन्य स्ट्रीम में पाठ्यक्रम चुनने की आवश्यकता होगी। इसका लक्ष्य इन विषयों में संघर्ष करने वाले छात्रों को लचीलापन प्रदान करके ड्रॉपआउट दरों को कम करना है।

20 से 34 अंक प्राप्त करने वाले छात्रों के पास दो विकल्प होंगे। वे या तो अपने स्कोर को बेहतर बनाने के लिए फिर से परीक्षा दे सकते हैं या अपने रिपोर्ट कार्ड पर एक अंक के साथ कक्षा 11 में आगे बढ़ सकते हैं। यह अंक उनके कम अंकों को दर्शाएगा लेकिन उन्हें विज्ञान या गणित के बिना अपनी शिक्षा जारी रखने देगा।

अभिभावकों द्वारा उठाई गई चिंताओं के बाद यह नीति लागू की गई। कई अभिभावकों ने गणित और विज्ञान जैसे विषयों की बात आने पर अपने बच्चों पर कम दबाव डालने का अनुरोध किया। शिक्षा विशेषज्ञों ने इस कदम का स्वागत किया है क्योंकि इससे छात्रों को राहत मिलेगी और उन्हें अपनी शिक्षा जारी रखने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।

शिक्षकों का मानना है कि कला, साहित्य और मानविकी जैसे क्षेत्रों में करियर बनाने वाले कई छात्र इस विकल्प को पसंद करेंगे। उन्हें पहला विकल्प चुनने में कोई समस्या नहीं दिखती, क्योंकि इससे उनकी भविष्य की पढ़ाई प्रभावित नहीं होगी।

हालांकि, कुछ विशेषज्ञों ने नीति को लेकर चिंता जताई है। कुछ लोगों का मानना है कि पासिंग मार्क्स कम करने से शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है। उनका तर्क है कि छात्रों को अपने दैनिक जीवन के लिए विज्ञान और गणित की बुनियादी समझ होनी चाहिए। कुछ विशेषज्ञों ने यह भी सुझाव दिया है कि सरकार को कक्षा 10 में वैकल्पिक विषय शुरू करने पर विचार करना चाहिए।

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