आरटीई के दूसेर राउंड में प्रवेश प्रक्रिया की शुरुआत

समाज के दूर्बल और गरीब बच्चों को शिक्षा मिल सके के लिए इसके लिए केंद्र सरकारे ने आरटीई की शुरुआत की । आरटीई के तहत निजी स्कूलों में 25 फिसदी जगह छात्रों के लिए रखना आवश्यक है , जिसके लिए सरकार की ओर से आरटीई की प्रक्रिया शुरु कर दी गई है।

2080 छात्रों को अलग अलग निजी स्कूलों में प्रवेश

शैक्षणिक वर्ष 2018-2019 के दौरान, आरटीई के लिए आरक्षित सीटों के 25% की प्रवेश प्रक्रिया लागू की गई थी। मुंबई डिवीजन में 347 स्कूलों में 8374 सीटे खाली है। । 3239छात्रों को इस के पहले दौर के लिए ऑनलाइन लॉटरी द्वारा चुना गया था। अब तक 2080 छात्रों को विभिन्न निजी स्कूलों में प्रवेश मिला था, जिनमें से 155 छात्रों के प्रवेश को रद्द कर दिया गया था। । इसी तरह 1004 छात्रों को प्रवेश के लिए स्कूल में भर्ती नहीं किया गया है।

कैसे होती है आरटीई की प्रक्रिया

गरीब और जरुतमंद बच्चों को शिक्षा देने के लिए र, शिक्षा के अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत प्रवेश दिया जाता है। आरटीई के तहत छात्रों को निजी स्कूलों में प्रवेश दिया जाता है। जिसके लिए निजी स्कूलों में छात्रों के लिए 25 प्रतिशत सीट रिजर्व की जाती है। आरटीई के अंतर्गत आवेदन करनेवाले छात्रों में से कुछ छात्रों को ऑनलाइन लॉटरी द्वारा चूना जाता है। इसके बाद छात्रों को आरटीई के माध्यम से प्रवेश दिया जाता है। इस बीच, इन सीटों में भर्ती छात्रों के लिए शुल्क केंद्र और राज्य सरकार द्वारा संबंधित स्कूलों को दिया जाता है।

दरअसल पिछलें कई सालों से निजी स्कूलों को उनकी बकाया रकम नहीं दी जा रही थी , जिसके कारण इस साल कई निजी स्कूलों ने छात्रों को आरटीई के तहत प्रवेश देने से इनकार कर दिया था। लेकिन कुछ दिनों पहले बीएमसी की ओर से 2012-13 से लेकर 2016-17 तक के बकाये रकम स्कूलों को दिये गए , हालांकी ये रकम भी समय पर स्कूलों के पास नहीं पहुंचे जिसके कारण 22 स्कूलों ने छात्रों को प्रवेश देने से मना कर दिया। लेकिन पैसे मिलने के बाद इन स्कूलों ने भी छात्रों को आरटीई के तहत प्रवेश दे दिया।

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