केंद्रीय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा मुक्त व दूरस्थ शिक्षा(आइडल) की मान्यता समाप्त करने की बात सामने आने के बाद करेस्पोंडेंट शिक्षा ग्रहण करने वालों छात्रों के भविष्य पर सवाल उठने लगे थे, लेकिन शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े और MU प्रशासन द्वारा पहल करने पर यूजीसी ने आइडल की मान्यता रद्द करने की बात से इनकार किया। आपको बता दें कि MU द्वारा संचालित 'आइडल' के तहत कई छात्र मुक्त व दूरस्थ शिक्षा ग्रहण करते हैं।
जो बच्चे दूर दराज ग्रामीण इलाकों में या फिर MU से दूर रहते हैं वे प्रतिदिन कॉलेज आकर क्लास अटेंड नहीं कर सकते इसीलिए उनके लिए 'आइडल' बनाया गया था। आइडल में हर साल 80 हजार से अधिक छात्र एडमिशन लेते हैं।
लिस्ट में नाम नहीं होने से मचा था बावल
यूजीसी ने इस शैक्षिक साल 2018-19 में देश में सभी करेस्पोंडेंट कॉलेजों की लिस्ट जारी की, लेकिन इस लिस्ट में आइडल का नाम नहीं होने से MU में हड़कंप मच गया और हजारों छात्रों के भविष्य पर सवाल उठ खड़े हुए थे।
दूसरे चरण की लिस्ट बाकी
MU ने बताया कि छात्रों को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। यूजीसी के नए नियम के मुताबिक मान्यता प्रक्रिया शुरू है जिसके तहत हमें आइडल से जुड़े सभी जरुरी कागजात जमा कराने हैं। अभी पहले चरण की लिस्ट जारी की गयी है और बाद में दूसरी लिस्ट जारी होगी।
पढ़ें: यूजीसी कि लिस्ट में मुंबई विश्वविद्यालय के IDOL कोर्स का समावेश नहीं