ड्रग के दलदल में फंसा बॉलीवुड कैसे निकलेगा बाहर?

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (mahatma gandhi) ने कहा था कि शराब (alcohol) केवल हमारे शरीर का ही नहीं आत्मा का भी नाश करती है। अगर इस बात को ध्यान में रखकर चिंतन किया जाए तो नशा करने वाला हर व्यक्ति स्वयं ही नशे की लत से दूर हो जाएगा। फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत (sushant singh rajput) की रहस्यमयी मौत के दौरान इस बात का पता चला कि फिल्मी दुनिया से जुड़े कई कलाकार ड्रग्स के दलदल में इस कदर लिप्त हैं, जो खुद की जिदंगी खराब तो कर ही रहे हैं, साथ ही देश की युवापीढ़ी को नशा रूपी नरक में ढकेल रहे हैं। किसी सामाजिक समस्या का समाधान करने के लिए एकता की नितांत आवश्यकता होती है, लेकिन जब समस्या के समाधान के लिए एकता के स्थान पर स्वयं का स्वार्थ देखा जा सकता है तो फूट पड़ जाती है। एक ऐसा दौर जब वालिवुड (bollywood) के 70 प्रतिशत से अधिक कलाकार किसी न किसी व्यसन की गिरफ्त में और इस मुद्दे को फिल्मी दुनिया दो खेमो में बंट जाए तो यह मान लेने में गलत नहीं कि वॉलिवुड से मादक पदार्थों को दूर कर पाना आसान नहीं है। 

अपनी बेबाक राय रखने वाली फिल्म अभिनेत्री कंगना राणावत (kangana ranaut) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (narendra modi) को ट्विट कर कहा कि प्रधानमंत्री जी स्वच्छ भारत मिशन(clean india) के तहत भारतीय फिल्म जगत में ड्रग्स रूपी गटर को भी साफ किया जाए। कंगना राणावत के बयान को ईर्ष्या के भाव से लिया गया तभी इस मामले ने तूल पकड़ा। हालांकि कंगना के बयान के बाद भी स्थिति बहुत ज्यादा बिगड़ी नहीं थी, लेकिन जब इस मुद्दे पर गोरखपुर के सांसद रवि किशन (ravi kishan) ने भारतीय फिल्म दुनिया में ड्रग्स के बढ़ने चलन पर अपनी राय रखी तो राज्यसभा सांसद तथा वरिष्ठ फिल्म अभिनेत्री जया बच्चन (jaya bachchan) ने कहा कि कुछ लोग ऐसे हैं, जो जिस थाली में खाते हैं, उसी में छेद करते हैं। 

जया बच्चन के राज्यसभा में दिए गए बयान के बाद तो जैसे जय बच्चन का समर्थन करने वालों का तांता ही लग गया। सवाल यह है कि जब नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के सामने रिया चक्रवर्ती (rhea chakraborty) ने इस बात को कुबूल किया है कि भारतीय फिल्म जगत में 25 ऐसे कलाकार हैं, ड्रग्स का सेवन करते हैं।नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने अब तक कई ड्रग पैडलरों को पकड़ा है और आने वाले दिनों में एनसीबी के हत्थे बहुत से ऐसे लोग भी चढ़ सकते हैं, जिनता ड्रग्स की काली दुनिया से नाता है। 

अगर 70 फीसदी भारतीय फिल्म कलाकार ड्रग्स (DRUG) का सेवन कर रहे हैं तो यह बात अच्छी तरह से समझनी होगी कि ड्रग्स का काला कारोबार अच्छी तरह के फल-फूल रहा है, ऐसे में अगर ड्रग्स के खिलाफ कोई सांसद देश की संसद में आवाज उठा रहा हो तो उसकी आवाज दबाने के लिए यह कहना कि कुछ लोग जिस थाली में खाते हैं, उसी में छेद कर रहे हैं। जया बच्चन (Jaya bachchan) के इस बयान की प्रतिक्रिया में रवि किशन (ravi kishan) ने जो यह तर्क दिया कि अगर थाली में ड्ग्स हो तो उसमें मैं छेद जरूर करूंगा। न तो रवि किशन गलत हैं और न ही जया बच्चन। गलत है उसे लेकर दो खेमे बनाना। बहुत से ऐसे विषय होते हैं, जिसके बारे में एक ही परिवार के सदस्यों की राय अगल-अलग होती है, लेकिन संसद में सपा सांसद जया बच्चन ने जिस अंदाज में गोरखपुर के सांसद पर अपनी आवाज बुलंद की, उसके पीछे कौन है, इस बात को वे लोग अच्छी तरह से समझ गए होंगे। कंगना के घर में चले सियासी बुलडोजर, पूर्व नौ सेना अधिकारी मदन शर्मा की शिवसैनिकों द्वारा की गई मारपीट से शिवसेना (shivsena) की जो किरकिरी हुई थी, उससे जया बच्चन के बयान ने काफी सुकून प्रदान किया है। 

जया बच्चन के बयान के बाद शिवसेना की ओर उनकी की जा रही तारीफ के पीछे के रहस्य को जाने बगैर पूरा सच सामने नहीं आएगा। सुशांत की दोस्त रिया चक्रवर्ती का दावा है कि सुशांत उनसे मिलने से पहले से ही ड्रग्स का सेवन करते थे (हालांकि अभी तक इस बात की पुष्टि अभी तक रिया के अलावा किसी अन्य व्यक्ति ने नहीं की है) हालांकि कुछ जानकारों का दावा है कि फिल्मी दुनिया की बड़ी हस्तियां और टेलीविजन कलाकारों का सबसे पसंदीदा नशा गांजा (Weed) है। फिल्मी दुनिया को नशे का सामान मुहैया करवाने के लिए फिल्म सिटी, बांद्रा और जुहू में पेडलर्स सक्रिय हैं। काम का दबाव, काम न मिलने से होने वाले तनाव, प्यार और दैहिक जरूरतों पूरी न होने का ग़म समेत कई ऐसी स्थितियां और भाव हैं, जिसकी वजह से लोग नशे की दुनिया में जाते हैं और फिर वह उन्हें इस तरह जकड़ती है कि लोग छटपटाकर रह जाते हैं और आखिर में अफसोस के सिवाय और कुछ नहीं मिलता। 

मीना कुमारी, गुरुदत्त, मधुबाला, धर्मेंद्र समेत पहले जमाने के स्टार हों या संजय दत्त, बॉबी देओल, प्रतीक बब्बर, रणबीर कपूर, फरदीन खान, पूजा भट्ट, मनीषा कोइराला, हनी सिंह, कपिल शर्मा समेत नई अन्य नए जमाने के कालाकार इन सभी लोगों के ड्रग, मरीजुआना और शराब की लत के बारे में दुनिया जानती है। रवीना टंडन, गौरी खान, सुजेन खान, प्रीति जिंटा समेत अन्य सिलेब्रिटी भी नशीले पदार्थों के सेवन की वजह से चर्चा में रही हैं। दीपिका पादुकोण, रणबीर कपूर, विकी कौशल, अर्जुन कपूर, मलाइका अरोड़ा, वरुण धवन, शाहिद कपूर, मीरा कपूर, नताशा दलाल, शकून बत्रा, जोया अख्तर, अयान मुखर्जी जैसे फ़िल्मी चेहरे भी किसी वक्त ड्रग्स के आदि रहे हैं। यह मुद्दा सिर्फ रवि किशन-जया बच्चन के बीच बयानबाजी का नहीं है, यह मुद्दा पूरी फिल्मी दुनिया को ड्रग्स से दलदल से बचाने का है और फिल्मी दुनिया ड्रग्स के दलदल से तभी बाहर निकलेगी जब जया बच्चन, रवि किशन समेत सभी कलाकारों का एक ही स्वर होगा कि फिल्मी दुनिया का कोई भी कलाकार ड्रग्स का सेवन नहीं करेगा।

(Note : यह लेखक के खुद के विचार हैं। इस लेख के लिए मुंबई लाइव उत्तरदायी नहीं है।)

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