शहर के बीचों बीच फलेगा फूलेगा 600 एकड़ का जंगल, मुख्यमंत्री ने दिया पर्यावरण प्रेमियों को तोहफा

पर्यावरण प्रेमियों (environment lover) के लिए खुशखबरी है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (uddhav thackeray) ने एक बड़ा फैसला लेते हुए जंगल के लिए संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान (sanjay gandhi national park) के पास 600 एकड़ भूमि आरक्षित करने का एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इस आरक्षित स्थान में वन संसाधनों के संरक्षण का निर्णय मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक बैठक में लिया गया।  मुख्यमंत्री ने कहा है कि दुनिया में ऐसा पहली बार होगा जब किसी महानगर के दिल में इतना बड़ा जंगल फूलेगा फलेगा।

पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे (aditya thackeray) ने 'वर्षा' आवास पर आयोजित बैठक में इस संबंध में एक प्रस्तुति दी। डेयरी विकास मंत्री सुनील केदार ने इस संबंध में पहल की थी। बैठक में वन मंत्री संजय राठौर, शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे, मुख्य सचिव संजय कुमार, प्रमुख सचिव वन मिलिंद म्हैसकर, प्रमुख सचिव पदुम अनूप कुमार सहित अन्य संबंधित अधिकारी भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि आरक्षित वन क्षेत्र तय करते समय आदिवासी समुदाय के साथ-साथ अन्य संबंधितों लोगों का अधिकार बरकरार रखा जाना चाहिए। आरक्षित वन क्षेत्र में धारा 4 लगाई गई है और तदनुसार, 45 दिनों की अवधि के भीतर नागरिकों से सुझाव और आपत्तियां आमंत्रित की जाएंगी। उन सुझावों और आपत्तियों को सुनने के बाद, जंगल से अलग किये जाने वाले क्षेत्र के अनुसार निर्णय लिया जाएगा।

सभी प्रकार के निर्माण, सड़क, झोपड़ियाँ और आदिवासी पेडों के साथ-साथ अन्य सरकारी सुविधाओं को पहले चरण से बाहर रखा जाएगा।  झुग्गियों का पुनर्वास भी तुरंत शुरू किया जाएगा।  इस पूरी प्रक्रिया के पहले चरण का प्रस्ताव जल्द ही वन विभाग द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा।  मुख्यमंत्री ने कहा है कि इस निर्णय के कारण, संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान और आरे में वन संसाधनों की रक्षा की जाएगी।

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