गोराई में 88 एकड़ मैंग्रोज का कत्ल

गोराई-उत्तन-मनोरी इन जगहों की गिनती केंद्रीय पर्यावरण और वन विभाग के नेशनल मैंग्रोज साईट में की जाती है। यह इलाके सीआरजेड-3 में आते हैं। ऐसा होने के बावजूद गोराई खाड़ी में करीब 88 एकड मैंग्रोज को अवैध रूप से काट कर एक प्राइवेट कंपनी द्वारा पंच सितारा रिसॉर्ट तैयार किए जाने का मामला सामने आया है। आरटीआई कार्यकर्ता और पर्यावरण प्रेमी हरीश पांडे ने मैंग्रोज के अवैध कत्ल का पर्दाफाश किया है। इस मामले में पांडे ने सप्ताह भर पहले संबंधित यंत्रणा से शिकायत की थी। उन्होंने इसमें बड़े घोटाले का आरोप मुंबई लाइव से बोलते हुए लगाया।

गोराई खाडी से लगे 15 एकड की जगह पर मैंग्रोज का कत्ल करने का आरोप एस्सेल ग्रुप पर लगाते हुए हरीश पांडे ने 2013 में उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की है। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने मैंग्रोज का कत्ल रोक दिया था। लेकिन कई दिनों से गोराई खाडी में मैंग्रोज का कत्ल शुरू होने की जानकारी मिलने पर पांडे ने जांच की तो पहले से 15 एकड़ की जगह के साथ 88 एकड जगह पर मैंग्रोज के कत्ल की जानकारी सामने आई।

उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार 2015 में 15 एकड मैंग्रोज के कत्ल करने विरोध में संबंधित लोगों पर मामला दर्ज हुआ था, लेकिन उस मामले में किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई, जिसके बाद इनके हौसले बढ़ते गए और धीरे-धीरे 88 एकड जगह से मैंग्रोज क साफ कर डाला। जिसकी जानकारी पांडे ने दी है।

गोराई मच्छिमार सहकारी संस्था के व्यवस्थापक नोविल डिसूजा ने गोराई खाड़ी में कितने एकड पर मैंग्रोज की कटाई की गई, इसकी जानकारी कई दिनों पहले दी थी। फिर भी इनकी कटाई रोकी नहीं गई। जिसके बाद मच्छिमार ने स्थानीय पुलिस स्टेशन, कांदलवण कक्ष, वन विभाग, पालिका में कई बार शिकायत की, लेकिन इसपर सुनवाई नहीं होने पर मच्छिमारों ने रास्ते पर उतरकर आंदोलन करने की बात कही है। इस बारे में कांदलवण कक्ष के मुख्य वन संरक्षक वासुदेवन से संपर्क करन की कोशिश की गई, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका।

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