दलदल में पेड़ों का पुनर्रोपन, कैसे रहेंगे जीवित ?

मुंबई - मेट्रो-3 के लिए जो पेड़ काटे जाने हैं, उसके बदले में पेड़ पेड़ों को लगाने का वादा एमएमआरी (मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन) की ओर से किया गया है। पर वडाला की जिन जगहों पर एमएमआरसी द्वारा पेड़ों का  पुनर्रोपन किया जाना है वहां की जमीन दलदल है। आखिर इस दलदल जमीन में पेड़ कैसे वृद्धि करेंगे ? इस तरह का सवाल पेड़ों की कटाई के खिलाफ लड़ने वाले याचिकाकर्ता ने खड़ा किया है।

आरे, कलीना और वडाला तीन जगहों पर पेड़ों का पुनर्रोपन किया जाना है। जिसके अनुसार कोलाबा और कफ परेड में तोड़े जाने वाले 507 पेड़ों का पुनर्रोपन वडाला के 4.2 हेक्टर की दरगाह प्लॉट पर किया जाना है। जिसके लिए बीएमसी ने एमएमआरसी को अनुमति दे दी है। लेकिन जब याचिकाकर्ता ने जमीन का जायजा लिया तो निकलकर सामने आया कि जमीन दलदल है।

जहां मेंग्रोज वृद्धि नहीं कर सकते वहां बड़े पेड़ कैसे जिंदा रहेंगे? अब इस तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। एमएमआरसी के अधिकारियों का कहना है कि जमीन का अच्छे तरीके से उपयोग करते हुए विकासित होने वाले पेड़ों को पुनर्रोपित किया जा रहा है। नियम के के अनुसार पेड़ को उखाड़ने के बाद 30 दिनों के भातर पेड़ों का पुनर्रोपन करना आवश्यक है। पर कफ परेड में फरवरी में 100 पेड़ों को उखाड़ा गया था, जिन्हें अभी तक पुनर्रोपित नहीं किया गया। याचिकाकर्ता का आरोप है कि एमएमआरसी लोगों को गुमराह करने का काम कर रही है।  



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