इस साल गणेशोत्सव(Ganeshotsav) में सबसे कम ध्वनि प्रदूषण (Noice level) स्तर दर्ज किया गया है। आवाज फाउंडेशन के मुताबिक, यह पिछले 18 सालों में सबसे कम ध्वनि प्रदूषण स्तर है। पिछले साल कोरोना (Coronavirus) काल पर पाबंदियों के चलते शोर कम हुआ था। हालांकि, इस साल इसका स्तर और भी कम देखा गया।
18 सालों में सबसे कम आवाज़
इस साल कोरोना काल में पाबंदियों में ढोल भी शामिल थे। डेढ़ दिन के गणपति की इस साल ज्यादा आवाज नहीं आई। हालांकि दसवें दिन भी यह देखा गया कि इन ढोल की आवाज अन्य वर्षों की तुलना में काफी कम थी। आवाज फाउंडेशन (Awaz foundation) की सुमैरा अब्दुली ने स्पष्ट किया कि इसके लिए पुलिस द्वारा की गई योजना, नगर निगम और गणपति मंडल का सहयोग महत्वपूर्ण है।
रविवार को मुंबई की छोटी गलियों में टब या मंडप में विसर्जन के दौरान ढोल बजाकर बप्पा को विदाई दी गई। हालांकि, यह अनुपात अन्य समय की तुलना में कम है। इसलिए, यह सुकून देने वाला है, आवाज फाउंडेशन द्वारा अवलोकन की सूचना दी गई थी।
आवाज फाउंडेशन 2003 से गणेशोत्सव और विभिन्न त्योहारों के दौरान ध्वनि प्रदूषण रिकॉर्ड कर रहा है। इसके बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न धार्मिक स्थलों, राजनीतिक रैलियों, राजनीतिक आयोजनों, दिवाली, निर्माण स्थलों, ट्रैफिक जाम, स्थानीय लोगों, हवाई अड्डों आदि को लगातार पंजीकृत किया जाता है।
इसके दुष्परिणामों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए कई कार्यकर्ता काम कर रहे हैं। इसे देखते हुए शांति क्षेत्र को लेकर लोगों में जागरूकता भी बढ़ी।
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