बॉम्बे हाईकोर्ट ने बीएमसी को 12 जून से पहले चुनावों की घोषणा नहीं करने और जून के पहले सप्ताह में मामले की अगली सुनवाई करने के लिए कहा है। कोर्ट ने गुरुवार को चार वार्डों में उपचुनावों की घोषणा पर रोक लगा दी, जो जिन वार्डों के नगरसेवकों को हाईकोर्ट ने आयोग्य बता करार दिया है क्योकी उन्होने गलत जाति प्रमाण पत्र पेश किया था।
पर्याप्त सबूत देने में सफल नहीं
उनकी जाति के प्रमाणपत्रों की जांच के बाद यह साबित हुआ कि उन्होने गलत जाति प्रमाणपत्र दिया था। 2017 के बीएमसी चुनावों में उपविजेता अब नगरसेवक बनने के लिए तैयार हैं, सुप्रीम कोर्ट ने शुरू में तीन सिटिंग कॉर्पोरेटर की अयोग्यता को मंजूरी दी थी। शीर्ष अदालत ने तीनों की अयोग्यता को खारिज कर दिया क्योंकि वे अपनी जाति को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत देने में सफल नहीं रहे।
BMC द्वारा वार्ड 76, 32, 81 और 28 में उपचुनावों के लिए अधिसूचना जारी होने के बाद, इन वार्डों में साल 2017 के बीएमसी चुनावो में दूसरे नंबर पर रहे नितिन सलगरे (कांग्रेस), गीता भंडारी (शिवसेना), संध्या नाइक (शिवसेना) और शंकर हुंदारे (शिवसेना) ने हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी। चुनाव आयोग (ईसी) ने यह भी कहा कि उसने इन चार वार्डों से सभी मतदाताओं की अपडेट लिस्ट मांगी है लेकिन उपचुनाव कराने के लिए अधिसूचना जारी नहीं की थी।
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