सड़क के पत्थर पर बीएमसी में राजनीति, एक-दूसरे पर मढ़ रहे तोहमत

एक तरफ बीएमसी में शिवसेना नेता ये आरोप लगाते हैं कि राज्य सरकार शिवसेना को बदनाम करने के लिए खदानों को बंद कर दिया गया है, जबकि दूसरी तरफ युवा सेना के अध्यक्ष आदित्य ठाकरे शहर में पत्थर के अभाव में रुके सड़क कार्य की ओऱ ध्यान आकर्षित करने के लिए मुख्यमंत्री से मुलाकात करते हैं। बीएमसी में शिवसेना नेता यशवंत जाधव ने आरोप लगाया कि खदानों के बंद करने के पीछे एक राजनीति है और इस निर्णय के समय पर सवाल उठाया।

कांग्रेस नगरसेवक आसिफ जकेरिया ने आरोप लगाया है कि एसवी पर साइड पैनल के काम करने वाले ठेकेदार को काली सूची में डाल दिया गया है, जिससे रोड का कार्य ठप कर दिया गया है। इस आरोप का जवाब देते हुए शिवसेना नगरसेवक आशीष चेम्बुरकर ने कहा कि वडाला में छह सड़कों के मरम्मत कार्य पत्थर की कमी के कारण स्थगित कर दिया गया है। इसका उत्तर देते हुए मुख्य इंजीनियर (सड़क) संजय दराडे ने हाउस को सूचित किया कि ग्रीन ट्रिब्यूनल ने ठाणे क्षेत्र के खदानों को बंद करने का आदेश दिया है, इसलिए इनके कार्य प्रभावित हुए हैं।

भारतीय जनता पार्टी के गट नेता मनोज कोटक ने कहा कि बीएमसी प्रशासन को मुख्यमंत्री का नाम लेकर गुमराह नहीं करना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि कोई शर्त नही है कि पत्थर ठाणे जिले की खदानों से ही लाया जाना चाहिए। यह ठेकेदार की जिम्मेदारी है कि सड़क कार्यों के लिए पत्थर कहां से लाना है। इस बीच, समाजवादी पार्टी के गट नेता रईस शेख ने आरोप लगाया कि शिवसेना 'वर्षा' (मुख्यमंत्री के निवास) का 'टूरिज्म' इतना है कि सड़क की मरम्मत और नाले की सफाई का काम करना चाहिए।

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