RTI से मिली एक जानकारी के मुताबिक पिछले साढ़े छह साल से मुंबई की लोकल ट्रेनों पर पत्थरबाजी की कुल 118 घटनाएं हुई हैं, जिसमें से 113 यात्री जख्मी हुए हैं। इन सभी मामलों में पुलिस को मात्र 21 मामले में ही जांच में सफलता मिली।
क्या था मामला?
RTI एक्टिविस्ट शकील अहमद शेख के अनुसार पिछले कुछ महीने से चलती ट्रेनों में पत्थर फेकनें की घटनाओं में वृद्धि हुई है।
इसके बाद इसी मामले में RTI दाखिल करके रेलवे से इस बात की जानकारी मांगी गयी थी कि मुंबई उपनगर में ऐसी कितनी घटनाएं घटी हैं? अब तक इस मामले में कितने केस दर्ज हुए हैं? और अब तक कितने लोगों को गिरफ्तार किया गया है?
शकील के अनुसार रेलवे ने इस बाबत जो आंकड़ें उपलब्ध कराये हैं वे काफी चौकानें वाले हैं। आंकडें के अनुसार 2013 से लेकर 2019 तक यानि कुल छह महीने में पत्थरबाजी की कुल 118 घटनाएं सामने आई। जिसमें 113 यात्री घायल हुए हैं. जबकि GRP की जांच में मात्र 21 मामलों में ही जांच में सफलता मिली है।
साल | घटना | जख्मी | जांच |
2013 | 16 | 14 | 03 |
2014 | 21 | 20 | 04 |
2015 | 16 | 16 | 01 |
2016 | 12 | 09 | 01 |
2017 | 15 | 19 | 04 |
2018 | 27 | 27 | 04 |
2019 | 11 | 08 | 04 |
कुल | 118 | 113 | 21 |
आपको बता दें कि साल 2005 में बॉम्बे हाईकोर्ट रेलवे प्रशासन को ट्रैक के दोनों तरफ बाउंड्री वाल बनाने का आदेश दिया था, इसके बाद भी आज तक कई जगह दीवारें नहीं बन पाई हैं। इन मामले में जिनकी गिरफ्तारी होती हैं उसमें से अधिकांश नशीले पदार्थों का सेवन करने वाले होते हैं, जबकि इसमें कचरा जमा करने वाले, कुछ फेरीवाले और कुछ किन्नर भी गिरफ्तार हुए हैं।