ठाणे रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर लगे 170 सीसीटीवी कैमरों में से 34 कैमरे पिछले कई हफ्तों से खराब होने की बात सामने आई है। डेढ़ साल पहले रेलवे पुलिस ने रेलवे प्रशासन से स्टेशन पर 50 सीसीटीवी कैमरे लगाने का अनुरोध किया था। वह भी अभी तक पूरा नहीं हुआ है। (34 of 170 CCTVs are non-functional in Thane railway station passengers' safety at risk)
ठाणे स्टेशन से हर दिन करीब सात लाख यात्री आते-जाते हैं। उपनगरीय ट्रेनों के साथ ही रोजाना 2500 से ज्यादा लंबी दूरी की ट्रेनें निकलती हैं। पुलिस हमेशा भीड़भाड़ वाले घंटों में जेबकतरों और मोबाइल फोन चोरों से सावधान रहने की अपील करती है। ऐसी घटनाओं के मामले में पुलिस सीसीटीवी फुटेज का इस्तेमाल कर आरोपियों का पता लगाती है। इसके अलावा भीड़भाड़ में अक्सर दुर्घटनाएं होती रहती हैं।
अक्सर यात्रियों के बीच झड़पें होती रहती हैं। कई बार टिकट चेकिंग में छेड़छाड़ भी होती है। उन पर हमला करने के बाद कुछ लोग भाग जाते हैं। महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार की घटनाएं भी अक्सर सामने आती रहती हैं। हालांकि रेलवे के खराब प्रबंधन के कारण स्टेशन फिलहाल पूरी तरह सीसीटीवी से कवर नहीं है। इसके कारण माना जा रहा है कि भविष्य में कैमरे विहीन इलाकों में कोई दुर्घटना, हादसा या अनहोनी होने पर आरोपियों का पता लगाना मुश्किल हो जाएगा। स्टेशन पर 170 कैमरे हैं, जिनमें से 34 कैमरे काम नहीं कर रहे हैं।
पुल निर्माण, छत की मरम्मत के कारण कुछ कैमरे हटाए गए हैं, तो कुछ यांत्रिक खराबी के कारण बंद हैं। अतिरिक्त कैमरों का इंतजार हालांकि ठाणे रेलवे स्टेशन पर भीड़ पर नजर रखने और अप्रिय घटनाओं को रोकने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, लेकिन इन कैमरों की संख्या अपर्याप्त है। जीआरपी पुलिस डेढ़ साल से 50 अतिरिक्त कैमरों की मांग कर रही है। फिलहाल 19 कैमरे स्वीकृत हुए हैं, लेकिन अभी तक स्टेशन पर नहीं पहुंचे हैं।
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