बीएमसी (bmc) ने उन दुकानदारों को थोड़ा और समय दिया है जिन्होने अभी तक अपनी दुकानों के नाम को मराठी साईनबोर्ड (Marathi sign board) में नही बदला है। जिन दुकानों पर मराठी भाषा के साईनबोर्ड नहीं हैं, उन पर बीएमसी 10 जून के बाद कार्रवाई शुरू करेगी। बीएमसी ने मुंबई में सभी दुकानों और प्रतिष्ठानों को अपना नाम मराठी लिपि में लिखने का निर्देश दिया है।
मराठी बोर्ड के लिए समय सीमा 31 मई को समाप्त हो गई है। हालांकि 1 जून से बिना कार्रवाई किए बीएमसी ने दुकानदारों को मराठी में बोर्ड बदलने के लिए कुछ और समय दिया है। राज्य सरकार ने दुकान के नाम के बोर्ड मराठी में लगाने का निर्देश दिया था, लेकिन कई दुकानों के बोर्ड अभी भी मराठी में नही लिखे गए है। बीएमसी के एक अधिकारी ने कहा, "दुकानदारों के लिए यह आखिरी मौका है, इसके बाद बीएमसी सख्त कार्रवाई करेगी, शुरुआत में, बीएमसी मुंबई में शोरूम, स्टोर और सुपरमार्केट सहित 4.5 लाख दुकानों को लक्षित करेगी"
बीएमसी के उपायुक्त संजोग काबरे ने कहा कि हर वार्ड में चेक किया जाएगा कि क्या दुकानें और प्रतिष्ठान मराठी में होर्डिंग लगा रहे हैं। इसके लिए 75 पर्यवेक्षक होंगे । उनके साथ एक और अधिकारी होगा। जांच के दौरान अगर दुकानदार मराठी साइन लगाने से मना करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अगर दुकानदार कोर्ट की कार्रवाई से बचना चाहता है तो उसे जुर्माना भरना होगा। इसके तहत दुकान में काम करने वाले प्रति व्यक्ति 2,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
शराब की दुकान से हटाना होगा महापुरुषों के नाम
मुंबई में शराब की दुकानों के होर्डिंग पर महापुरुषों या किलों के नाम लिखने पर बीएमसी ने रोक लगा दी है। महापुरुषों और किलों के नाम को 10 जून तक इन दुकानों से हटाना होगा। उल्लंघन करने वालों पर मुकदमा चलाया जाएगा।
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