कमला मिल आग हादसे मामले में बीएमसी ने अपने ही 9 अधिकारियों के खिलाफ लापरवाही बरतने के आरोप में नोटिस भेजा है। इन अधिकारियों को जवाब देने के लिए 15 दिनों की मोहलत दी गयी है। अगर इनका जवाब संतुष्टकारक न हुआ तो बात इनके नौकरी पर भी आ सकती है।
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इन्हें भेजी गयी है नोटिस
यह नोटिस बीएमसी कमिश्नर अजोय मेहता के आदेश पर भेजी गयी है।
जिन 9 अधिकारियों को यह नोटिस भेजी गयी है उनके नाम सहायक अभियंता मधुकर शेलार, उप-अभियंता दिनेश महाले, कनिष्ठ अभियंता धनराज शिंदे, सहायक विभागीय अग्निशमन अधिकारी एस. एस. शिंदे, सहायक कार्यकारी आरोग्य अधिकारी डाॅ. राजेश मदन, अग्निशमन तल अधिकारी राजेंद्र पाटील, सहायक अभियंता मनोहर कुलकर्णी, सहायक विभागीय अग्निशमन अधिकारी संदीप शिंदे और स्वच्छता निरीक्षक प्रदीप शिर्के है।
इसके अलावा एक महिला सहित अन्य तीन अधिकारी प्रशांत सपकाले, भाग्यश्री कापसे और सतीश शिंदे भी जांच के घेरे में है।
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तीन अन्य अधिकारी भी घेरे में
बताया जाता है कि जिस समय यह घटना घटी उस समय सपकाले जी-साउथ विभाग के सहायक आयुक्त थे और सतीश शिंदे आरोग्य अधिकारी थे, सवाल यह है कि बिना सकपाल के जानकारी के इन दोनों पबों को मंजूरी कैसे मिल गयी? कमला मिल जी-साउथ इलाके के अंतर्गत ही आता है।
इनसे भी लिखित में जवाब मांगा गया है, अगर इनके भी जवाब संतोषजंक नहीं हुए तो ये सजा के हकदार हो सकते हैं।
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क्या था मामला?
आपको बता दें कि पिछले साल इसी दिसंबर महीने में ही लोअर परेल के कमला मिल में स्थित मोजोस बिस्त्रो और वन-अबव पब में आग लग गयी थी।
इस आग में 14 युवकों की मौत हो गयी थी।
दमकल विभाग ने जब आग लगने के कारण की जांच की तो दोनों पबों में अग्नि सुरक्षा से संबंधित कई खामियां सामने आईं।
साथ ही यह मामला भी सामने आया कि बिना फायर ऑडिट के इन दोनों पबों को मंजूरी कैसे दी गयी? इस पूरे मामले में बीएमसी अधिकारियों की लापरवाही भी खुल कर सामने आई थी।