बारिश आने में अब कुछ ही दिन बचे हुए है ऐसे में शहर में जर्जर इमारतों की स्थिती को लेकर एक बार फिर से बीएमसी के सामने कई बड़े सवाल खड़े हो गए है। बीएमसी ने मुंबई में 499
इमारतो को धोखादायक घोषित किया है। 2018
में
619
इमारतों के विपरीत,
इस बार असुरक्षित इमारतों के मामले में 19
प्रतिशत की गिरावट है। चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें से ज्यादातर इमारतें मुंबई उपनगरीय इलाके में हैं।
के
(वेस्ट)
वार्ड में अंधेरी-जोगेश्वरी
(पश्चिम)
बेल्ट में असुरक्षित इमारतों की संख्या ( 51) सबसे अधिक है। इसके अलावा,
विले पार्ले (पूर्व)
में
38
असुरक्षित इमारतें हैं,
जिन्हे तुरंत तोड़ने की जरुरत है। बीएमसी द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार,
एल वार्ड में कुर्ला में हमेशा असुरक्षित इमारतों की अधिकतम संख्या थी। लेकिन इस साल 83
में से 60
भवन सूची से बाहर हो गए हैं क्योकी उन्हे गैरकानूनी घोषित किया गया है।
क्या कहता है नियम नियम के अनुसार,
यदि किसी भवन को 40
प्रतिशत से अधिक मरम्मत की आवश्यकता होती है,
तो वह इस अर्थ में C1
श्रेणी में आता है कि BMC
पूरी इमारत को तोड़कर उसे फिर से बनाता है क्योकी मरम्मत में ज्यादा खर्च आता है। बीएमसी कई बार इन इमारतो में रहनेवालो को इमारत खाली करने का नोटिस देते है लेकिन रहीवाशी बीएमसी के इस आदेश का विरोध करते है।
माटुंगा के एफ (उत्तर)
वार्ड में,
पंजाबी कॉलोनी में अकेले 30
इमारतें हैं,जो धोकादायक है लेकिन रहीवासियों ने इस मामले में कोर्ट का रुख किया है। बांद्रा (पश्चिम)
में एच (पश्चिम)
वार्ड में 29
असुरक्षित इमारत और बांद्रा (पूर्व) में
23
असुरक्षित इमारत है।