पर्युषण पर्व को जैन समुदाय में प्रमुख त्योहारों में से एक माना जाता है। इस त्योहार के दौरान सभी लोग एक दूसरे से इस बात के छमा मांगते है। पर्युषण पर्व के दौरान जैन समाज के लोग उपवास रखते है। जैन समाज की ओर से इस त्योहार के दौरान मांस की दुकानों को बंद रखने की मांग पिछले कई सालों से चलती आ रही है। एक जैन ठेकेदार ने मांस और मटन की बिक्री के लिए दुकान तैयार करने से मना कर दिया। जिसके बाद अब बीएमसी ने इस ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया शुरु कर दी है।
भाऊराव चेंबूरकर मंडई के लिए संक्रमण शिबीर
चेंबूर में वी.एन. पुरव मार्ग पर भाऊराव चेंबूरकर मंडई में दुकान लगा रहे लोगों के लिए बीएमसी ने संक्रमण शिबीर बनाने का फैसला किया। इस काम के लिए बीएमसी ने टेंडर भी मंगवाये थे। इस टेंडर प्रक्रिया में चयनित किये गए एक ठेकेदार यह कहते हुए मांस और मटन की दुकान बनाने से मना कर दिया क्योकी वह जैन है।
संक्रमण शिविर का निर्माण
भाऊराव चेंबुरकर मंडई की हालत काफी खराब है और इसे फिर से बनाने की आवश्यकता है। इसके कारण, इस मंडी के विस्थापित लाइसेंसधारी दुकानदारों को भूमि के एक ही भूखंड पर एक संक्रमण शिविर का निर्माण किया जाएगा। प्रशासन ने इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। शिविर के निर्माण का प्रस्ताव वास्तुकार को प्रस्तुत किया गया है। बाजार विभाग ने इस कार्य के लिए टेंडर मंगाया। उसका जवाब दो ठेकेदारों ने दिया। ठेकेदारों में से एक ने 8 प्रतिशत कम दर पर काम करने के लिए सहमति व्यक्त की थी। हालांकि, इसने मांस और मछली बेचने वालों के लिए दुकान बनाने से इनकार कर दिया।
बताया जा रहा है कि ठेकेदार के विवादास्पद कारण देने के बाद उसकी जमा राशि को जब्त करने की कार्रवाई शुरु कर दी गई है। स्थायी समिति ने निर्देश दिया है कि ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट किया जाए।