महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को भारत में कोरोनावायरस के प्रकोप के बीच सभी राज्य गवर्नमेंट कार्यालयों को सात दिनों के लिए बंद करने की घोषणा की। राज्य मंत्रिमंडल ने यह भी बताया कि आवश्यक सेवाएं सक्रिय रहेंगी, हालांकि, अन्य सभी सरकारी कार्यालय बंद रहेंगे।
कोरोनोवायरस प्रकोप के बीच महाराष्ट्र सरकार के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने ये फैसला लिया है। इसके पहले राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्य के सभी पर्यटन स्थलों पर आम लोगों के जाने पर पाबंदी लगा दी इसके साथ ही 31 मार्च तक राज्य के सभी स्कूल और कॉलेजों को भी बंद कर दिया है। 31 मार्च के पहले होने वाली सभी परीक्षाओं को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है वीर जीजामाता भोंसले उद्यान और तारापोरवाला मात्सल्य जैसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों को भी पर्यटकों के लिए बंद कर दिया है। पुलिस जुहू बीच जैसे बड़े-बड़े समुंद्री बीचो पर लोगों को जल्द से जल्द जगह खाली करने का आह्वान कर रही है।
उद्धव ठाकरे सरकार ने पहले ही निजी पर सरकार ने पहले ही राज्य के सभी निजी कंपनियों से आवान किया है कि वह अपने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम यानी कि घर से काम करने की अनुमति दें। इसके साथ ही 50% के अटेंड के साथ ही घर का काम करें।
सभी सरकारी कार्यालयों को एक सप्ताह के लिए बंद करने का फैसला किया। राज्य सीएम द्वारा सकारात्मक कोरोनावायरस मामलों की कुल संख्या 39 तक पहुंचने के कारण निर्णय लिया गया। इसके अलावा, सीओवीआईडी -19 के कारण राज्य के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा भी एक मौत की पुष्टि की गई।
महाराष्ट्र की राज्य सरकार फिलहाल लोकल ट्रेन और बसों की सेवाओं को अस्थायी रूप से रोकने पर भी विचार कर रही है। मुंबई में सभी लाइनों पर स्थानीय ट्रेनों के अलावा, मुंबई मेट्रो रेल, मोनोरेल और परिवहन के अन्य सार्वजनिक मोड भी शामिल हो सकते हैं। यदि निर्णय की घोषणा की जाती है, तो यह देश की वाणिज्यिक राजधानी को वस्तुतः पंगु बनाने की क्षमता रखता है।