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महाराष्ट्र में देश की पहली 'मोबाइल फोरेंसिक वैन' लॉन्च

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता अधिनियम 7 वर्ष या उससे अधिक की सजा वाले अपराधों के लिए फोरेंसिक साक्ष्य का उपयोग अनिवार्य बनाता है।

महाराष्ट्र में देश की पहली 'मोबाइल फोरेंसिक वैन' लॉन्च
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भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता अधिनियम 7 वर्ष या उससे अधिक की सजा वाले अपराधों के लिए फोरेंसिक साक्ष्य का उपयोग अनिवार्य बनाता है। महाराष्ट्र मोबाइल फोरेंसिक वैन की सुविधा बनाने वाला देश का पहला राज्य है, जो इन सुधारों का एक प्रमुख हिस्सा है और यह सुविधा जल्द ही राज्य भर में 259 स्थानों पर उपलब्ध कराई जाएगी। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को जानकारी दी। (Country's first 'mobile forensic van' launched in Maharashtra)

259 मोबाइल फोरेंसिक वाहन शुरू करने की योजना

राज्य में कुल 259 मोबाइल फोरेंसिक वाहन शुरू किए जाएंगे। इनमें से 21 पूर्णतः सुसज्जित वाहन परिचालन में आ चुके हैं। अपराध स्थल एप्लिकेशन ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी का उपयोग करके अपराध स्थल की जांच करेगा। इसमें साक्ष्यों को एकत्रित कर बारकोड के माध्यम से सुरक्षित किया जाएगा।

फडणवीस ने कहा कि ये वाहन अपराध सुलझाने में मदद के लिए साक्ष्य एकत्र करने और उनका विश्लेषण करने में उपयोगी होंगे।

वाहन की विशेषताएं

  • ये वाहन रक्त, डीएनए और बलात्कार जैसे अपराधों में आवश्यक साक्ष्य एकत्र करने में सक्षम होंगे।
  • विशेषज्ञ और सहायक कर्मचारी मौजूद रहेंगे। इसके अलावा, विस्फोटकों का पता लगाने और साइबर अपराध की जांच के लिए विशेष उपकरण उपलब्ध होंगे।
  • ये वाहन सीसीटीवी से लैस होंगे और पुलिस सिस्टम से जुड़े होंगे। इससे संबंधित अपराध के लिए एकत्रित साक्ष्यों की जानकारी संबंधित पुलिस थाने को उपलब्ध कराना संभव हो सकेगा। इससे साक्ष्य संग्रहण प्रक्रिया अधिक कुशल और सटीक हो जाएगी।
  • सबूत नष्ट करने और सबूतों से छेड़छाड़ करने पर आरोपी को सजा से कोई नहीं बचा सकेगा। इससे अपराधियों पर नजर रखी जा सकेगी और साबित होने वाले अपराधों की संख्या में वृद्धि होगी।

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