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चुनाव आयोग ने आचार संहिता में ढील देने के राज्य सरकार के अनुरोध को खारिज कर दिया

लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद से यानी 16 मार्च से राज्य में आचार संहिता लागू है

चुनाव आयोग ने आचार संहिता में ढील देने के राज्य सरकार के अनुरोध को खारिज कर दिया
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चुनाव आयोग ने स्पष्ट रुख अपनाया है कि राज्य में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान समाप्त हो चुका है और राज्य सरकार सूखा राहत के लिए आचार संहिता में ढील देने का प्रयास कर रही है। हालांकि, अगर सरकार जरूरी कार्यों के लिए कोई प्रस्ताव देती है, तो उसे नियमों के अनुसार मंजूरी दी जाएगी, ऐसा आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा।

राज्य में लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद से यानी 16 मार्च से आचार संहिता लागू है। राज्य में सभी पांच चरणों के मतदान पूरे हो चुके हैं। इनमें कुछ इलाकों खासकर मराठवाड़ा में सूखे की स्थिति गंभीर है और राज्य के कुछ हिस्सों में खराब मौसम के कारण भारी नुकसान हुआ है। इसलिए सरकार संकटग्रस्त किसानों के साथ-साथ अकाल प्रभावित इलाकों में भी उपाय करने का प्रयास कर रही है। लेकिन आचार संहिता की समस्या के कारण सरकार कोई निर्णय नहीं ले पा रही है।

सरकार ने आयोग से मतदान प्रक्रिया पूरी होने के साथ ही आचार संहिता में ढील देने का अनुरोध किया था। हालांकि आयोग ने राज्य सरकार के इस अनुरोध को खारिज कर दिया है और स्पष्ट किया है कि मतगणना पूरी होने और नई लोकसभा के अस्तित्व में आने तक आचार संहिता लागू रहेगी। इसके बाद इन प्रस्तावों को मंजूरी के लिए केंद्रीय चुनाव आयोग के पास भेजा जाएगा और आयोग की मंजूरी के बाद ऐसे कार्यों के लिए आचार संहिता से छूट दी जाएगी।

राज्य में आचार संहिता लागू होने के बाद से 59 मामलों में छूट दी गई है और अब से आयोग ने स्पष्ट किया है कि आचार संहिता का सख्ती से पालन किया जाएगा। मुंबई, नासिक और कोंकण में आचार संहिता लागू है मुंबई स्नातक और शिक्षक, कोंकण स्नातक और नासिक शिक्षक विधानसभा क्षेत्रों के चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू की गई है। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस निर्वाचन क्षेत्र में 5 जुन तक आचार संहिता लागू रहेगी।

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