खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) ने लोगों को स्वस्थ, शुद्ध भोजन मिले, इसके लिए 100 दिवसीय कार्ययोजना को प्रभावी ढंग से लागू करने का निर्णय लिया है। इसके अनुसार, दूध एवं दुग्ध उत्पादों के निरीक्षण अभियान, खाद्य कारोबारियों के लिए खाद्य सुरक्षा प्रशिक्षण, होटलों, रेस्टोरेंट के लिए स्वच्छता रेटिंग, ईट राइट कैंपस प्रमाणन और धार्मिक स्थलों में ईट राइट प्रार्थना स्थलों को राज्य में लागू किया जाएगा। (FDA to implement 100-Day Action Plan for Food Safety)
खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा लागू की गई 100 दिवसीय कार्ययोजना के तहत यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाएगा कि नागरिकों को अच्छा भोजन मिले। इसके लिए खाद्य कारोबारियों को खाद्य सुरक्षा पर निशुल्क प्रशिक्षण दिया जाएगा और उन्हें 'खाद्य सुरक्षा प्रशिक्षण एवं प्रमाण-पत्र' दिया जाएगा। इसी तरह, होटलों, रेस्टोरेंट, मिठाई की दुकानों, बेकरी की दुकानों, मटन की दुकानों का निरीक्षण किया जाएगा और खाद्य सुरक्षा के मापदंड को पूरा करने वालों को स्कोर के आधार पर स्वच्छता रेटिंग प्रमाण-पत्र दिया जाएगा।
सरकारी, अर्ध-सरकारी, निजी संस्थानों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों आदि में कर्मचारियों और आगंतुकों के लिए ईट राइट कैंपस अभियान चलाकर खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने बताया कि मंदिरों में प्रसाद, गुरुद्वारे में लंगर और अन्य धार्मिक स्थलों की गुणवत्ता जांच के बाद सभी धार्मिक स्थलों को ईट राइट प्लेस ऑफ वर्शिप सर्टिफिकेट दिया जाएगा।
इस पहल के तहत खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने पांच जिलों ठाणे, पालघर, रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग में 6,000 खाद्य पेशेवरों को खाद्य सुरक्षा प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा है। साथ ही, 40 सरकारी और अर्ध-सरकारी संस्थानों में ईट राइट कैंपस स्थापित किए जाएंगे। इन पांच जिलों के 10 महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों को पहले चरण में ईट राइट प्लेस ऑफ वर्शिप सर्टिफिकेट दिया जाएगा। खाद्य एवं औषधि प्रशासन के संयुक्त आयुक्त (खाद्य) श्रीकांत करकले ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं को मिलने वाला प्रसाद उचित हो।
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