उच्च न्यायालय ने गुरुवार को पर्यावरण मंजूरी प्राप्त किए बिना मॉल का निर्माण कर रही कांदिवली स्थित कंपनी ग्रोअर एंड वील लिमिटेड को राहत देने से स्पष्ट रूप से इनकार कर दिया और कंपनी की याचिका खारिज कर दी। अदालत ने मॉल को बंद करने के महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (MPCB) के आदेश को बरकरार रखा है। इस निर्णय से ग्रोअर एंड वील लिमिटेड कंपनी को बड़ा झटका लगा है और मॉल को तत्काल बंद कर दिया जाएगा। (High Court directs closure of Growels 101 mall over environmental concerns)
एमपीसीबी के आदेश को चुनौती
ग्रोअर एंड वील लिमिटेड ने मॉल को बंद करने के एमपीसीबी के आदेश को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। कंपनी की याचिका पर न्यायमूर्ति महेश सोनक और न्यायमूर्ति जितेंद्र जैन की पीठ के समक्ष सुनवाई हुई। इस बार कंपनी ने एमपीसीबी के आदेश पर कड़ी आपत्ति जताई, जबकि एमपीसीबी के वकीलों ने मॉल बंद करने के आदेश का समर्थन किया।
दोनों दलीलें सुनने के बाद पीठ ने कहा कि एमपीसीबी का आदेश सही था। साथ ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने निर्देश दिया कि कांदिवली में ग्रोवर कंपनी के मॉल को बंद करने के आदेश को तुरंत लागू किया जाना चाहिए।
5 मार्च को एमपीसीबी ने जल एवं वायु प्रदूषण निवारण अधिनियम के तहत कांदिवली ईस्ट मॉल को बंद करने का आदेश दिया था। कंपनी ने दावा किया कि यह आदेश प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का अनुपालन नहीं करता। हालाँकि, अदालत ने इस दावे को खारिज कर दिया।
क्या कहा अदालत ने
पर्यावरण संबंधी कानून और विनियमन व्यापक सार्वजनिक हित को ध्यान में रखकर बनाए जाते हैं। इसलिए, पर्यावरण कानूनों के प्रावधानों के अनुपालन में कोई ढिलाई नहीं होनी चाहिए, क्योंकि इससे व्यापक सार्वजनिक हित को नुकसान पहुंच सकता है।
पीठ ने यह भी कहा कि वह उन्हें इसकी अनुमति नहीं दे सकती और उसने एमपीसीबी के आदेश को बरकरार रखा। अदालत ने आदेश में यह भी कहा है कि कंपनी ने "कानून को अपने हाथ में लिया और बिना पूर्व पर्यावरणीय मंजूरी के मॉल का निर्माण किया।"
यह भी पढ़े- गर्मी की छुट्टियों के लिए मुंबई से कोंकण तक विशेष ट्रेन