मुंबई उच्च न्यायालय (bombay high court) ने सड़कों पर थूकने वाले नागरिकों से जुर्माना वसूलने की राशि को लेकर मुंबई महानगर पालिका (bmc) सहित राज्य सरकार को फटकार लगाई है। कानूनी प्रावधानों के अनुसार, खुले में थूकने पर 1,200 रुपये का जुर्माना वसूला जाता है। लेकिन BMC केवल 200 रुपये ही जुर्माना वसूल करती है। हाईकोर्ट ने बुधवार को महानगर पालिका और राज्य सरकार को जुर्माना वसूलने का काम सौंपा।
कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा, वर्तमान समय में 200 रुपये की कुछ कीमत है क्या? अदालत ने कहा कि, सरकार और BMC के इस नरम रुख के कारण ही लोगों के सार्वजनिक स्थानों पर थूकने की आदत को रोक नहीं पा रही है।
कोर्ट ने पुलिस और राज्य सरकार को आम लोगों के खुले में थूकने के बारे में जागरूकता पैदा करने का भी निर्देश दिया।
गौरतलब है कि मुंबई (Mumbai) में कोरोना (Covod19) का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। जिसके मद्देनजर सार्वजनिक स्थानों पर नागरिकों के थूकने के कारण कोरोना के फैलने का भी खतरा बढ़ जाता है। इसे देखते हुए ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए आर्मिन बांद्रावाला द्वारा मुंबई उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता ने कोर्ट को सूचित किया कि, सड़कों पर थूकने वाले नागरिकों पर गंभीर जुर्माना लगाने का प्रावधान है, कानून में प्रावधान के बावजूद भी केवल 200 रुपये का जुर्माना लगाया जा रहा है।
कोर्ट ने कहा, सार्वजनिक स्थानों पर थूकने के परिणामों को बताते हुए सात दिनों में जगह जगह बोर्ड लगाए जाने चाहिए। इन संदेश को लोगों तक पहुंचाने के लिए अन्य साधनों का उपयोग किया जाना चाहिए। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि अगली सुनवाई में यह बताया जाए कि लोगों की आदत पर लगाम लगाने के लिए क्या उपाय किए जाएंगे या क्या किए गए।
याचिका पर बुधवार को मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष सुनवाई हुई। अदालत को BMC की ओर से सूचित किया गया था कि बिट मार्शल के साथ पुलिस भी जुर्माना लगाने के लिए ड्यूटी पर लगाई जाती है।