महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार ने कैसीनो से जुड़े एक पुराने कानून, महाराष्ट्र कैसीनो अधिनियम, 1976 को खत्म करने का फैसला किया है। इस अधिनियम का उद्देश्य कैसीनो को नियंत्रित और विनियमित करना, कैसीनो सट्टेबाजी पर कर लगाना और निगरानी प करना था। (Maharashtra government scraps Casino Act 1976)
शुक्रवार को मुख्यमंत्री शिंदे की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया। उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने लगातार कैसीनो का विरोध किया है। कैसीनो स्थापना का समर्थन करने के लिए उपरोक्त अधिनियम का हवाला देते हुए कई कानूनी याचिकाओं के बावजूद, फड़नवीस अपने विरोध पर कायम रहे। यहां तक कि 2016 में मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान और इस साल की शुरुआत में जनवरी में भी।
बैठक के दौरान, कैबिनेट ने उन 14 जिलों में गरीबी रेखा से ऊपर और नारंगी कार्ड धारकों दोनों को गणपति और दिवाली उत्सव के लिए 'आनंदाचा शिधा' योजना के तहत राशन प्रदान करने का निर्णय लिया, जहां किसान आत्महत्याएं हुई हैं। ये जिले अमरावती और औरंगाबाद क्षेत्रों में हैं और इसमें विदर्भ के नागपुर क्षेत्र में वर्धा भी शामिल है।
'आनंद शिधा' योजना, 19 सितंबर को गणपति के लिए और 12 नवंबर को दिवाली के लिए 1.66 करोड़ लाभार्थियों को एक लीटर खाद्य तेल के साथ एक किलोग्राम रवा , चना दाल और चीनी वितरित करेगी।
इसके अलावा, शिंदे सरकार ने मुंबई प्रेस क्लब के पुनर्विकास को भी मंजूरी दे दी और पुनर्विकास प्रीमियम माफ कर दिया।
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