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महाराष्ट्र- गृह विभाग द्वारा महिलाओं की सुरक्षा हेतु विभिन्न उपायों का क्रियान्वयन

महिलाओं की सुरक्षा पर दिया जा रहा है विशेष ध्यान

महाराष्ट्र-   गृह विभाग द्वारा महिलाओं की सुरक्षा हेतु विभिन्न उपायों का क्रियान्वयन
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प्रदेश में महिलाओं एवं बालिकाओं के प्रति हिंसा की घटनाओं को रोककर सुरक्षा की दृष्टि से सरकार कार्यवाही कर रही है। राज्य सरकार गृह विभाग के माध्यम से महिलाओं की सुरक्षा के लिए विभिन्न उपाय लागू कर रही है। सभी पुलिस आयुक्तालयों एवं पुलिस अधीक्षक स्तर पर संघटक प्रमुख स्तर पर महिला हेल्प डेस्क की स्थापना की गई है। साथ ही सभी थाना स्तर पर महिला पुलिस सेल भी तैयार किया गया है।इसी प्रकार महिला सुरक्षा समितियों की स्थापना की गई है। (Maharashtra Home department implemented various measures for the safety of women)

27 विशेष अदालतें, 86 फास्ट-ट्रैक अदालतें

महिलाओं पर अत्याचार न हो, इसके लिए सरकार त्वरित कार्रवाई कर रही है। हालाँकि, अत्याचार के मामले में पीड़ित महिला को त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए 27 विशेष अदालतें, 86 फास्ट-ट्रैक अदालतें काम कर रही हैं। बलात्कार और पॉस्को अधिनियम के तहत लंबित मामलों की सुनवाई और निपटान के लिए 20 पॉस्को और 12 फास्ट ट्रैक अदालतें कार्य कर रही हैं। व्यक्तियों के अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम के तहत एक विशेष अदालत भी कार्य कर रही है।

दामिनी टीम द्वारा रोड पेट्रोलिंग, स्कूल एवं कॉलेज क्षेत्रों, भीड़-भाड़ एवं सुनसान स्थानों पर दोपहिया एवं चार पहिया वाहनों से गश्त कर अपराधों को रोका जा रहा है। सामुदायिक पुलिसिंग पहल के तहत नाबालिग लड़कियों के साथ दुर्व्यवहार को रोकने के लिए पुलिस काका और पुलिस दीदी की नियुक्ति की गई है।

निर्भया स्क्वाड, भरोसा सेल जैसी गतिविधियाँ भी क्रियान्वित की जा रही हैं। महिलाओं और लड़कियों की अनैतिक तस्करी के निषेध के लिए एक समन्वय कक्ष की स्थापना की गई है। महिला परामर्श हेतु 124 परामर्श केन्द्र स्थापित किये गये हैं। साथ ही डायल 112 के माध्यम से तत्काल मदद पहुंचाई जा रही है।

बलात्कार संबंधी अपराधों को सुलझाने के लिए ITSSO (इन्वेस्टिगेशन ट्रैकिंग सिस्टम फॉर सेक्सुअल ऑफेंसेज) प्रणाली लागू की जा रही है। इन अपराधों को 60 दिन के अंदर निपटाने की दर बढ़ी है। वर्ष 2020 में यह अनुपात 45.5 प्रतिशत था, जबकि वर्ष 2021 में यह बढ़कर 57.8 प्रतिशत, वर्ष 2022 में 73.02 प्रतिशत और वर्ष 2023 में 91.01 प्रतिशत हो गया है. साथ ही साल 2024 में 24 जून 2024 तक 92 फीसदी एग्जिट रेट है। इन अपराधों से और अधिक निजात पाने के लिए वरिष्ठ स्तर से इस कार्य की नियमित समीक्षा भी की जाती है।

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