दादर का शिवाजी पार्क मैदान खास तौर पर राजनीतिक पार्टियों की बैठकों, जमावड़ों के लिए जाना जाता है। इस मैदान के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों और अन्य बैठकों के लिए बीएमसी द्वारा प्रति दिन 250 रुपये का मामूली शुल्क लिया जाता है। इस शुल्क में बढ़ोतरी को लेकर बीएमसी के जी नॉर्थ डिविजन ने अगस्त में नगर निगम के संपत्ति विभाग से पत्र व्यवहार किया है। पत्र में यह भी कहा गया है कि किराया बढ़ोतरी को लेकर उचित नीति तय की जाये। (Mumbai BMCs Nominal Fees For Shivaji Park In Dadar Under Review Amid Urgent Call For Policy Update)
क्रिकेट अभ्यास मैच भी आयोजित होते है
शिवाजी पार्क मैदान में कई पिचें हैं जहां क्रिकेट अभ्यास मैच आयोजित किए जाते हैं। पार्क में कई लोग सैर करने के लिए भी आते हैं। यह मैदान हमेशा राजनीतिक बैठकों का गवाह रहा है। राजनीतिक दलों में यहां सभाएं करने की होड़ मची रहती है। बैठकों के लिए अच्छे आकार का मंच बनाने के लिए जमीन की खुदाई की गई है।
झंडे, बड़ी स्क्रीन लगाने के लिए बांस लगाया जाता है। कार्यकर्ताओं के लिए कुर्सियां भी उपलब्ध कराई गई हैं। सभा होते ही मंच सहित सभी सामग्री आयोजक अपने कब्जे में ले लेते हैं। लेकिन अक्सर ऐसी बैठकों से मैदान की हालत ख़राब हो जाती है। इस मैदान को राजनीतिक दलों या आयोजकों द्वारा अस्थायी तौर पर लीपापोती कर दी जाती है। धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों के बाद भी यही स्थिति देखने को मिलती है।
20,000 रुपये की जमा राशि
वर्तमान में, मुंबई नगर निगम राजनीतिक बैठकों, धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए शिवाजी पार्क मैदान में जगह उपलब्ध कराते समय 250 रुपये प्रति दिन और जीएसटी का शुल्क लेता है और 20,000 रुपये की जमा राशि लेता है। कम फीस और डिपॉजिट को देखते हुए इसे बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है। विभाग ने पत्र में यह भी कहा है कि प्रस्तावित किराया वृद्धि को लेकर उचित नीति तय की जाये।
इससे पहले भी शिवाजी पार्क मैदान की फीस बढ़ाने पर विचार हुआ था। लेकिन बाद में वह पीछे हट गए। इसका जिक्र जी नॉर्थ विभाग ने नगर निगम संपत्ति विभाग को लिखे अपने पत्र में भी किया है। शिवाजी पार्क मैदान के लिए एक लाख रुपये या उससे अधिक की राशि वसूलने पर भी विचार हो रहा है। बैठकों या कार्यक्रमों के बाद मैदान को हुए नुकसान की भरपाई कभी-कभी आयोजकों से जमा राशि से की जाती है, लेकिन यह बहुत कम है। कई सालों से फीस कम होने के कारण इसे बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है।
यह भी पढ़े- POP गणेश मूर्तियों पर उच्च न्यायालय के प्रतिबंध से विवाद