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कोरोना का सामना करने के लिए महापौर बनी नर्स

मुंबई के मेयर किशोरी पेडणेकर नर्स बन कर लोगों को जागरूक कर रहीं हैं। किशोरी पेंडणेकर सोमवार को नर्स की वर्दी पहनकर नायर अस्पताल गई। और वहां उन्होंने 100 से अधिक नर्सिंग के छात्रों को व्याख्यान दिया कि कोरोना में काम करते समय खुद की देखभाल कैसे करें।

कोरोना का सामना करने के लिए महापौर बनी नर्स
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कोरोना यानी Covid 19 का सामना करने के लिए, मुंबई के मेयर किशोरी पेडणेकर ( mumbai mayor kishori pendnekar)नर्स बन कर लोगों को जागरूक कर रहीं हैं। किशोरी पेंडणेकर सोमवार को नर्स की वर्दी पहनकर नायर अस्पताल गई। और वहां उन्होंने 100 से अधिक नर्सिंग के छात्रों को व्याख्यान दिया कि कोरोना में काम करते समय खुद की देखभाल कैसे करें। उन्होंने छात्रों को उनका मनोबल बढ़ाने के लिए मार्गदर्शन किया। आपको बता दें कि 19 साल बाद किशोरी पेडणेकर ने नर्स की वर्दी पहनी थी।

महापौर किशोरी पेडणेकर एक समय नर्स का काम करतीं थीं। साल 1991 उन्होंने नौकरी छोड़ दी और राजनीति में प्रवेश किया।  नर्स के रूप में काम करते हुए, उन्होंने शिवसेना की महिला शाखा में कई महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाई थीं।  यही कारण है कि वह 1991 में पहली बार एक नगरसेवक के रूप में चुनी गईं।

अभी हाल ही में उन्होंने खुद को क्वारंटाइन कर लिया था। कोरोना वायरस बीमारी से पीड़ित लोगों से मिलने, सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ-साथ पत्रकारों के साथ भी संवाद साधने के कारण उनकी तबियत खराब हो गयी थी, जिसके बाद कोरोना आशंका के चलते उन्होंने खुद को क्वारंटाइन कर लिया था। लेकिन उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई। वहाँ से निकलने के बाद अब एकबार फिर से वे अपने पुराने अवतार में आ गईं हैं।

किशोरी पेडणेकर के कई पत्रकारों और अस्पताल के कर्मचारियों, सामाजिक संगठनों के साथ संपर्क थे।  उन्होंने फिर कोरोना का परीक्षण किया।  इस परीक्षण के परिणाम तक, उन्होंने खुद को मेयर के बंगले में अलग कर लिया था।  अलगाव से बाहर आकर, उन्होंने अपने पुराने लेकिन अभी भी नए अवतार को लेने का फैसला किया है।

इस समय किशोरी मुंबई की मेयर के साथ साथ नर्स की दोहरी भूमिका में लोगों की सेवा कर रही हैं। कोरोना रोगियों का इलाज करते समय कई नर्स, डॉक्टरों और वॉर्ड बॉय भी कोरोना की चपेट में आ गए हैं, जिसके बाद डॉक्टरों का मनोबल गिरने लगा था। इसे देखते हुए किशोरी पेंडणेकर ने खुद मैदान में उतरने का फैसला किया।

मुंबई की मेयर ने स्वास्थ्य कर्मियों को भावनात्मक समर्थन देने के लिए खुद नर्स बन कर कोरोना से संघर्ष कर रहीं हैं।वे मुंबई नगरपालिका अस्पताल की नर्सों के साथ बातचीत करेंगी और नर्सों की समस्याओं के बारे में भी जानने की कोशिश करेंगी। साथ ही वे नर्सों को अपने डर को कम करने के लिए मार्गदर्शन भी प्रदान करेंगी।

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