महाराष्ट्र सरकार ने घोषणा की है कि राज्य बोर्ड की पाठ्यपुस्तकों में अब प्रत्येक अध्याय के अंत में खाली पृष्ठ नहीं होंगे। यह निर्णय 2023 में शुरू की गई नीति को उलट देता है। स्कूल शिक्षा विभाग ने मंगलवार, 28 जनवरी को एक बयान जारी कर इस बदलाव की पुष्टि की। (State Board Textbooks to Return to Traditional Format from 2025-26 After Criticism)
नया प्रारूप 2025-26 शैक्षणिक वर्ष से लागू किया जाएगा। पिछली नीति 8 मार्च, 2023 को एक सरकारी संकल्प के माध्यम से पेश की गई थी। यह राज्य द्वारा संचालित स्कूलों में कक्षा दो से आठ तक के छात्रों के लिए पाठ्यपुस्तकों पर लागू होती है।
पूर्व स्कूली शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने 2023 में नीति की घोषणा की थी। इसका उद्देश्य छात्रों को नोटबुक ले जाने के बजाय पाठ्यपुस्तकों में नोट्स लेने की अनुमति देकर स्कूल बैग का वजन कम करना था। हालाँकि, शिक्षक संघों ने नीति का बार-बार विरोध किया था।
इस निर्णय की शिक्षकों, अभिभावकों और शिक्षा विशेषज्ञों द्वारा व्यापक आलोचना की गई। कई लोगों ने तर्क दिया कि पाठ्यपुस्तकों में कुछ अतिरिक्त पृष्ठ नोटबुक की जगह नहीं ले सकते। उन्होंने यह भी बताया कि बदलाव के बावजूद छात्र नोटबुक ले जाना जारी रखते हैं।
स्कूल शिक्षा मंत्री दादा भुसे ने अब इस नीति को वापस लेने का फैसला किया है। जीआर में कहा गया है कि खाली पन्नों को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पेश किया गया था। हालांकि, विश्लेषण से पता चला कि उनका प्रभावी ढंग से इस्तेमाल नहीं किया गया। यह कदम स्कूल बैग के वजन को कम करने में भी विफल रहा।
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