सुप्रीम कोर्ट ( supreme court) ने गुरुवार को बॉम्बे हाई कोर्ट ( Bombay high court) का नाम बदलकर महाराष्ट्र हाई कोर्ट ( Maharashtra high court) करने का निर्देश देने वाली याचिका को खारिज कर दिया। जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस विक्रम नाथ की बेंच ने इस याचिका को खारिज कर दिया है।
कोर्ट ने याचिका को खारीज करते हुए कहा की "ये कानून निर्माताओं के लिए तय करने के मुद्दे हैं, यह संसद का विषय है, इसे यहां लाने के लिए आपके लिए किस मौलिक अधिकार का पूर्वाग्रह है?" पीठ ने याचिकाकर्ता से संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत दायर याचिका की विचारणीयता पर सवाल उठाया। हालांकि याचिकाकर्ता ने इस संबंध में संसद के समक्ष एक अभ्यावेदन पेश करने की स्वतंत्रता देने का अनुरोध किया, लेकिन पीठ ने इनकार कर दिया।
याचिका वीपी पाटिल ने दायर की थी, जिन्होंने जज के रूप में काम किया था। याचिका मे महाराष्ट्र के लोगों की विशिष्ट संस्कृति, विरासत और परंपराओं के संरक्षण के लिए महाराष्ट्र कानून (राज्य और समवर्ती विषय) आदेश, 1960 के एक खंड के कार्यान्वयन के लिए प्रभावी कदम उठाने के लिए अधिकारियों को निर्देश देने की मांग की गई थी।
पाटिल ने कहा कि अन्य राज्यों के संबंधित अधिकारियों को भी निर्देश दिया जाना चाहिए कि वे अपने उच्च न्यायालयों के नाम उन राज्यों के नाम के अनुसार बदलें जहां वे स्थित हैं।
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