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पाबंदियों पर दो ढील, वर्ना चुनावों में सत्ताधारी दल का करेंगे बहिष्कार: व्यापारियों ने दी चेतावनी

व्यापारियों का कहना है कि सरकार को जल्द से जल्द व्यापारियों के हित में कोई निर्णय लेना चाहिए, क्योंकि राज्य सरकार के नियमों के अनुसार दुकानों को शाम 4 बजे तक ही जारी रखने की अनुमति है, इस नियम से उनका धंदा चौपट हो रहा है।

पाबंदियों पर दो ढील, वर्ना चुनावों में सत्ताधारी दल का करेंगे बहिष्कार: व्यापारियों ने दी चेतावनी
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पहले कोरोना की पहली लहर (corona wave) फिर दूसरी लहर (second wave of covid19) से देश की अर्थव्यवस्था (economy) काफी सुस्त पड़ चुकी है। अब संभावित तीसरी का डर। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई (economy capital mumbai) भी इसी समस्या से दो चार हो रही है। महानगर का व्यापारी वर्ग को भारी नुकसान हो रहा है। पिछले 2 साल से इस पीड़ादायक स्थिति का सामना करते करते व्यापारी समुदाय भी हलकान हो चुका है। उनके सामने मासिक खर्च और श्रमिकों के वेतन चुकाने को लेकर समस्या बड़ी बनती जा रही है।

इसी कड़ी में व्यापारियों का कहना है कि सरकार को जल्द से जल्द व्यापारियों के हित में कोई निर्णय लेना चाहिए, क्योंकि राज्य सरकार के नियमों के अनुसार दुकानों को शाम 4 बजे तक ही जारी रखने की अनुमति है, इस नियम से उनका धंदा चौपट हो रहा है।

व्यापारियों ने आगे चेतावनी देते हुए कहा कि, अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो वे चुनावों सत्ताधारी दल का बहिष्कार करेंगे।

व्यापारियों का एक समूह फेडरेशन ऑफ रिटेल ट्रेडर्स एसोसिएशन (federation of retail traders association) ने मांग की है कि, कोरोना प्रतिबंधों में ढील दी जाए क्योंकि मुंबई में कोरोना मरीजों की संख्या घट रही है। साथ ही व्यापारियों ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि अगले सप्ताह दुकानों से पूरे समय के लिए दूकानों को खुला नहीं रखने की अनुमति नहीं दी गई तो वे आगामी चुनावों में सत्ताधारी दल का बहिष्कार करेंगे।

एसोसिएशन का कहना है कि, सप्ताह में सिर्फ पांच दिन ही शाम 4 बजे तक कारोबार करने की इजाजत है, जिससेे काफी नुकसान हो रहा है। शनिवार और रविवार हमारे लिए महत्वपूर्ण दिन होते हैं लेकिन यह भी हमारे हाथ में नहीं है।

कमाई कम होने के कारण 25 प्रतिशत दुकानें अभी भी बंद हैं। राज्य में कोरोना वृद्धि दर घटकर 5 फीसदी पर आ गई है, इसलिए पाबंदियों में अब ढील दी जानी चाहिए। अब हमारे पास पैसे खत्म हो गए हैं। धंदा बंद होने से कर्मचारी भी सहमे हुए हैं।

उन्होंने आगे कहा कि, अगर सरकार ने मदद का हाथ नहीं बढ़ाया और कुछ दिनों में पाबंदियों में ढील नहीं दी गई तो व्यापारी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे। साथ ही हम आगामी चुनावों में सत्ताधारी दलों का बहिष्कार करेंगे।

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