आंकड़े बताते हैं कि रिश्वत लेने के लिए राज्य रिश्वत निवारण विभाग में दर्ज मामलों की संख्या में भारी कमी आई है। इस साल भ्रष्टाचार निवारण विभाग ने राज्य में भ्रष्टाचार के 713 मामले दर्ज किए हैं। नासिक में सबसे ज्यादा अपराध दर्ज किए गए, जबकि मुंबई में आश्चर्यजनक रूप से सबसे कम अपराध दर्ज किए गए। 713 मामलों में से 678 मामले वास्तव में रिश्वत लेने से संबंधित हैं, जबकि 31 मामले बेहिसाब धन संग्रह से संबंधित हैं।
राज्य में रिश्वतखोरी के 678 मामलों में 993 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 3 करोड़ 18 लाख रुपये की रिश्वत राशि जब्त की गई। इसमें सबसे ज्यादा रिश्वत लेने वाले राजस्व विभाग के हैं और 180 मामलों में 252 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इसके नीचे पुलिस (137) का स्थान आता है। प्रथम श्रेणी में 62, द्वितीय श्रेणी में 101, तृतीय और चतुर्थ श्रेणी में क्रमश: 510 और 47 तथा 104 अन्य रिश्वत लेने वाले शामिल हैं।
2014 में राज्य में भ्रष्टाचार के 1316 मामले दर्ज किए गए थे। तब से हर साल अपराधों की संख्या में कमी आई है। 2015 में 1279, 2016 में 1016, 2017 में 925, 2018 और 2019 में क्रमशः 936 और 891 अपराध दर्ज किए गए। 2020 में कोरोना काल में दर्ज अपराधों की संख्या में भारी कमी आई। उस समय भी 663 अपराध दर्ज किए गए थे। पिछले साल 2021 में 773, 2022 में 749 और 2023 में 812 अपराध दर्ज किए गए। यह जानकारी भ्रष्टाचार निरोधक विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
सबसे ज्यादा 152 अपराध नासिक में दर्ज किए गए हैं और 234 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। पुणे उससे नीचे है। पुणे में वास्तविक रिश्वतखोरी के 149 मामलों में 223 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
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