बात उस समय की है जब मैं कॉलेज में पढ़ रहा था। नये दोस्त, नया माहौल सबकुछ नया नया, बहुत अच्छा लग रहा था। घर से सख्त हिदायत मिली थी कि संगत का ध्यान रखना, क्योंकि उम्र के जिस पर पड़ाव पर अब तुम हो वहां से दो रास्ते निकलते हैं एक विकास का दूसरा बरबादी का। खैर इस हिदायत को भूल मैं भी दोस्त बनाने में लग गया। दोस्त बने भी अच्छे और बुरे दोंनो। दोनों से काफी कुछ सिखने को मिला। एक दोस्त था नाम था अदनान (बदला हुआ नाम) पतला शरीर, काफी मस्तमौला लड़का, अपनी ही धुन में रहने वाला। जब वह मिला तो थोड़े ही दिन में अच्छे दोस्त हो गये। अकसर वह कॉलेज बाइक से ही आता था।एक बार कहीं जाने के लिए जब मैं उसकी बाइक के पास गया तो उसने बाइक में ही रखे एक छोटे से कपड़े पर थोड़ा पेट्रोल छिड़क लिया और दम लगा कर सूंघने लगा। उसकी यह हरकत देख कर मैं तो भौचक्का सा रह गया। जब मैंने उससे यह पूछा तो उसने बताया कि उसे पेट्रोल सूंघने की लत है।
अजीब तरह के नशे
जिस अदनान की बात मैं यहां कर रहा हूं उसी के सर्कल में उसका एक और दोस्त था।, उसे भी एक अजीब लत थी, उसे ग्रीस चाटने की आदत थी। जी हां, वही ग्रीस जो मशीनों में घर्षण के लिए उपयोग में लाया जाता है। अलबत्ता कई बार वह मेरे सामने भी ऐसा कर चुका था साथ ही उसके मुंह में हमेशा गुटखा भरा रहता था। मैंने उस समय तक शराब, गांजा, भांग, सिरिंज और पावडर जैसे नशों के बारे में काफी सुना था लेकिन नशे के ये दो रूप देख कर मैं तो एक दम से शॉक ही रह गया था। घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण इन दोनों ने अचानक से कॉलेज छोड़ दिया। फिर धीरे-धीरे इनसे संपर्क टूट गया, बाद में कुछ साल बीतने पर सुनाई पड़ा कि नशे की लत ने इनमें अदनान के दोस्त की जान ले ली और अदनान काफी दोनों से अस्पताल में है जहां उसका इलाज चल रहा है। उसके इलाज के लिए उसके घर वालों को पुश्तैनी जमीन तक बेचनी पड़ी। सुन कर काफी दुःख हुआ और नाराजगी भी कि आखिर दोनों के कर्मों का फल बेचारे उसके घर वाले भोग रहे हैं।
सामाजिक वातावरण होता है प्रदूषित
मैं आपको यहां यह बातें इसीलिए बता रहा हूं क्योंकि आज मैं नशे पर बात करने वाला हूं। नशा एक ऐसी सामाजिक कुरीति है जो अपराध तो है ही साथ ही जीवन को नारकीय बना देता है। यह एक ऐसी बुराई है, जिससे इंसान का अनमोल जीवन समय से पहले ही मौत का शिकार हो जाता है। नशे के लिए समाज में शराब, गांजा, भांग, अफीम, जर्दा, गुटखा, तम्बाकु और धूम्रपान (बीड़ी, सिगरेट, हुक्का, चिलम) सहित चरस, स्मैक, कोकिन, ब्राउन शुगर जैसे घातक मादक दवाओं और पदार्थों का उपयोग किया जा रहा है। इन जहरीले और नशीले पदार्थों के सेवन से व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक हानि पहुंचने के साथ ही इससे सामाजिक वातावरण भी प्रदूषित होता ही है साथ ही स्वयं और परिवार की सामाजिक स्थिति को भी भारी नुकसान पहुंचाता है। इस बुराई से खुद की जिंदगी बरबाद तो होती ही है साथ ही घर वाले भी इसकी चपेट में आते हैं।
नशे के कारण
सबसे पहले हम यह जाने कि नशाखोरी के कारण क्या हैं? लोग मजा पाने के लिए नशा करते हैं। दरअसल नशा चीज ही ऐसी है कि जो खून में जाते ही आदमी को खुशी और स्फूर्ति का एहसास कराती है। कुछ लोग अपने दोस्तों के दबाव में आकर नशा करने लगते हैं। तीसरा कारण है सुलभता। पहले जिस शराब की बोतल खरीदने के लिए लोगों को दूर जाना पड़ता था, अब वह आसानी से मिल जाती है। जगह-जगह ठेके खुले हैं। चौथा कारण है तनाव, जिसके कारण इंसान नशा करता है। बहुत सी संस्थाए नशे की रोकथाम के लिए बहुत से प्रयत्न कर रही है। परंतु अच्छे नतीजे नहीं मिल रहे। कुछ समय के लिए तो व्यक्ति शराब छोड़ देता है, परंतु बाद में फिर शुरू हो जाता है।
अजीब दलील
अगर आप किसी नशेबाज से पूछो कि वह नशा क्यों करता है, तो वह किसी दार्शनिक अंदाज में बात करने लगेगा। अकसर मैंने लोगों से सुना है कि नशा करने से आदमी दूसरी दुनिया में पहुंच जाता है। सारे गम गिले शिकवे भूल जाते हैं। ऐसा लगता है कि जैसे मैं उड़ रहा हूं।
महिलाओं में भी बढ़ रही है आदत
आमतौर पर समाज में यह धारणा है कि नशा करना मर्दों की फितरत है। समाज में पुरुषों को ही नशा करने का अधिकार है। अगर महिलाएं इस तरह की करतूत करती हैं तो उन्हें कुल विरोधी या कुल का नाश करने वाला माना जाता है। लेकिन बदलते समाज के साथ-साथ लोगों की सोच बदली है। ग्रामीणों भागों में तंबाखू खाती अथवा चिलम पीती कई महिलाए आपको मिल जाएंगी, यही नहीं शहरों में भी ऐसी कामकाजी महिलाओं की संख्या धड़ल्ले से बढ़ रही है जो धुम्रपान करती हैं, जबकि शहरों की बात करें तो अब तो हर पब, बार-रेस्टोरेंट या रेव पार्टियों में भी लड़कियों की संख्या लड़कों से कम नहीं होती।
नशे के प्रकार
जैसा की आप तो जानते ही हैं कि नशा एक ऐसी बुराई है, जिससे इंसान की अनमोल जिंदगी समय से पहले ही मौत की शिकार हो जाती है। आज आदमी थोड़े से मजे के लिए नशे के अलग-अलग साधनों का इस्तेमाल कर रहा है। आज हम आपको नशे के उन तरीकों के बारे में बता रहे हैं, जिससे इंसान अपनी जिंदगी बर्बाद कर रहा है।
हेरोइन
हेरोइन नशे की दुनिया का सबसे पॉपुलर नाम है इसे ड्रग्स की रानी भी कहा जाता है। इसे लेने से आदमी एक बार तो बहुत खुश होता है, लेकिन इसके नुकसान बहुत ज्यादा होता है। ये आपके सेक्स की क्षमता पर असर डालता है। साथ ही महिलाओं में इससे बांझपन होने के खतरे बढ़ जाते हैं। ये इतना खतरनाक होता है कि अगर जबरदस्ती इसकी लत छुड़वाने की कोशिश की जाए तो इंसान की मौत भी हो सकती है। अकसर रेव पार्टियों से लेकर ड्रग तस्कर तक इसकी तस्करी करते हैं।
कोकीन
कोकीन भी एक पॉपुलर और खतरनाक ड्रग है इसका सेवन करते हुए अकसर ड्रगिस्ट युवा रेव पार्टियों में करते हुए मिल जाएंगे। कोकीन का लगातार सेवन करने से यह नर्वस सिस्टम पर असर डालता है जिससे कुछ समय बाद याद रखने की क्षमता कम हो जाती है। यही नही इसके लगातार सेवन से दिमाग की संरचना भी बदलने लगती है।
गांजा, भांग या चिलम
गांजा,भांग या चिलम बहुतायत में भारत के ग्रामीण भागों में काफी लोकप्रिय है। गांजा को ही ग्रास, कैनाबिस या वीड भी कहते है। इसके साथ ही लोग भांग और चिलम का भी सेवन करते दिख जाते हैं। हालांकि इसके सेवन से नशा छोड़ कर तत्काल कुछ दुष्परिणाम नहीं दिखाई देता लेकिन लंबे समय तक सेवन करने से इससे मनुष्य अवसाद का शिकार हो जाता है और फेफड़ों पर भी असर पड़ता है।
एमडी
एमडी को एमडीएमए ही कहते हैं। एमडी भी युवाओं के बीच एक बहुत ही लोकप्रिय नशा है अकसर युवा इसका सेवन पार्टियों के पहले करते हैं क्योंकि इसके सेवन से उनमें एक अलग जोश और उत्साह बना रहता है। यह ड्रग भी नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है।
एलएसडी
भारत के शहरों में अब इसका चलन बढ़ रहा है। यह एक शक्तिशाली साइकेडेलिक ड्रग है। ये इतना खतरनाक होता है कि इसका नशा करीब 12 घंटे तक होता है। ये आपके दिमाग पर असर डालता है। युवाओं में यस बटन के नाम से मशहुर है।
केटामाइन
केटामाइन यह नशीली दवा होती है जो कि भारत में होने वाली रेव पार्टियों में सप्लाई की जाती है। दुनिया में सबसे हानिकारक नशीले पदार्थ की सूची में इसका स्था न दूसरे नंबर पर है। लंबे समय तक सेवन करने से इसका असर नर्वस सिस्टम पर पड़ता है।
क्रिस्टल मेथ
क्रिस्टल मेथ यानी मेथेम्फेटामाईन एक अतिउत्साह वर्धक और शारीरिक गतिविधि बढाने वाली ड्रग है। इसके सेवन से व्यक्ति खुद के अंदर आत्मविश्वास से लबरेज होने का एहसास जागृत होता है। बताया जाता है कि इसकी क्रिस्टल मेथ की लत आसानी से नहीं छूटती है। यह भी नर्वस सिस्टम के लिए काफी घातक होता है।
तंबाखू, गुटखा या शराब
तंबाखू,गुटखा और शराब एक ऐसा पदार्थ है जो भारत से सबसे अधिक सेवन किया जाने वाल नशीला पदार्थ है। इसे महिला से लेकर किशोर बच्चे, युवा और बूढ़े तक सेवन करते हैं। यह आसानी से उपलब्ध होने वाला पदार्थ है इसीलिए सबकी पहुंच ने आसानी से आ जाता है। इसकी लत छुड़ाने पर भी नहीं छूटती है। ये सीधे आपके फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं। भारत में अधिकतर लोग इस नशे की लत से परेशान है। इसके सेवन से कैंसर जैसी भयानक बीमारी भी होती है।
26 जून 'अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस'
हर वर्ष 26 जून को 'अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस' मनाया जाता है। नशीली वस्तुओं और पदार्थों के निवारण के लिए 'संयुक्त राष्ट्र महासभा' ने 7 दिसंबर 1987 को यह प्रस्ताव पारित किया था और तभी से हर साल लोगों को नशीले पदार्थों के सेवन से होने वाले दुष्परिणामों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से इसे मनाया जाता है।
खोखला होता देश का युवा
इन सभी मादक द्रव्यों से मानव स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचने के साथ-साथ समाज, परिवार और देश को भी गंभीर हानि सहन करनी पड़ती है। किसी भी देश का विकास उसके नागरिकों के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है, लेकिन नशे की बुराई के कारण यदि मानव स्वास्थ्य खराब होगा तो देश का भी विकास नहीं हो सकता। नशा एक ऐसी बुरी आदत है जो व्यक्ति को तन-मन-धन से खोखला कर देता है। इससे व्यक्ति के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है और उसके परिवार की आर्थिक स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती जाती है। इस बुराई को समाप्त करने के लिए शासन के साथ ही समाज के हर तबके को आगे आना होगा।
पुलिस का करें सहयोग
मुंबई के एंटी नारकोटिक्स विभाग के प्रमुख शिवदीप लांडे का कहना है कि शहर में ड्रग के नेक्सस को रोकने के लिए कई यूनिट कार्य कर रहे हैं। इस साल हमने लगभग 1400 करोड़ रुपए अधिक के ड्रग बरामद किये हैं। इस लड़ाई में हमें आपका भी सहयोग चाहिए। अगर आपको इस तरह के कुछ संदिग्ध दिखाई देते हैं तो कृपया हमसे संपर्क करें।
जारी है हेल्पलाइन
एंटी नारकोटिक्स विभाग ने नशे के खिलाफ नार्को इंफोलाइन के नाम से एक हेल्प लाइन जारी किया है जिसका नंबर 9819111222 है। 24 घंटे हमेशा खुली रहने वाली इस हेल्पलाइन के जरिये आप अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।