बॉम्बे हाईकोर्ट ने बदलापुर यौन उत्पीड़न के आरोपी की हत्या के लिए पुलिस को फटकार लगाई अगस्त में बदलापुर के एक स्कूल में 23 वर्षीय अक्षय शिंदे ने कथित तौर पर दो किंडरगार्टन छात्राओं का यौन शोषण किया था। सोमवार को पुलिस ने मुठभेड़ में आरोपी अक्षय शिंदे का एनकाउंटर कर दिया था।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को बदलापुर यौन उत्पीड़न के आरोपी अक्षय शिंदे की हत्या के लिए महाराष्ट्र पुलिस को फटकार लगाई, जिसे सोमवार को ठाणे पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया था। (Bombay HC Pulls Up Police Over Badlapur Custodial Death, Asks To Preserve CCTV Footage Of Accused From Taloja Jail To Shivaji Hospital)
खड़े किए सवाल
न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ मुठभेड़ की विशेष जांच दल (SIT) से जांच के लिए शिंदे के पिता द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। कोर्ट ने पुलिस के इस दावे पर सवाल उठाया कि शिंदे ने एक पुलिसकर्मी का हथियार छीन लिया था, जिसके कारण पुलिसकर्मियों ने उस पर गोली चलाई।
कोर्ट ने कहा कि आमतौर पर ऐसी परिस्थितियों में आरोपी को घुटने के नीचे गोली मार दी जानी चाहिए। अदालत ने पूछा, "हम कैसे मान सकते हैं कि फायरिंग में प्रशिक्षित पुलिस वाले आरोपी को काबू नहीं कर सकते " अदालत ने इस तथ्य पर जोर दिया कि पुलिसकर्मी शिंदे को काबू कर सकते थे और इसलिए पुलिस का यह दावा कि यह मुठभेड़ है, संदिग्ध लगता है। अदालत ने यह भी कहा कि पुलिस को यह पता लगाना चाहिए कि शिंदे ने पहले कभी बंदूक का इस्तेमाल किया था या नहीं।
अगस्त में बदलापुर के एक स्कूल में 23 वर्षीय अक्षय शिंदे ने कथित तौर पर दो किंडरगार्टन छात्राओं का यौन शोषण किया था। बाद में उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और न्यायिक हिरासत में भेज दिया। 23 सितंबर को शिंदे को उसकी पत्नी द्वारा दर्ज यौन शोषण के मामले में तलोजा जेल से फिर से हिरासत में लिया गया।
जब उसे ठाणे ले जाया जा रहा था, तो उसने कथित तौर पर एक कांस्टेबल से बंदूक छीन ली और उसे घायल कर दिया, इससे पहले कि कार में बैठे दूसरे कांस्टेबल ने उसे गोली मार दी। मामले की जांच सीआईडी को सौंप दी गई है। आज सुनवाई के दौरान शिंदे के पिता का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज करने और मामले से संबंधित सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखने की मांग की।
इस मामले की अगली सुनवाई 3 अक्टूबर को होगी।
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