डाॅ. दाभोलकर मर्डर केस: हत्यारे नहीं पहचानते थे दाभोलकर को, फिर कैसे की हत्या?


डाॅ. दाभोलकर मर्डर केस: हत्यारे नहीं पहचानते थे दाभोलकर को, फिर कैसे की हत्या?
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डॉ. नरेंद्र दाभोलकर मर्डर केस में एटीएस रोज नए नए खुलासे कर रही है। अब एटीएस ने बताया है कि दाभोलकर का मर्डर शरद कलसकर ने ही किया था, उसके साथ सचिन अंधुरे भी था। गोली शरद ने चलाई थी जबकि सचिन बाइक राइड किया था।यही नहीं पूछताछ में शरद ने उस दिन क्या क्या हुआ था इसकी सिलसिलेवार जानकारी एटीएस को दी। इस मामले में एटीएस और सीबीआई दोनों मिल कर जांच कर रहे हैं।

पहने थे ट्रैकिंग शूट 
एटीएस ने जानकारी देते हुए बताया कि शरद कलसकर ने पुणे में 20 अगस्त 2013 को दाभोलकर की हत्या गोली मार कर की थी। शरद से पूछताछ के बाद एटीएस ने बताया कि जिस दिन दाभोलकर की हत्या हुई उस दिन यानी 20 अगस्त 2013 की सुबह को ही ये दोनों सचिन और शरद बाइक के द्वारा औरंगाबाद से पुणे आ गए थे। दोनों को अच्छी तरह मालूम था कि  दाभोलकर मॉर्निंग वॉक के लिए घर से बाहर आते हैं। किसी को कोई शक न हो इसीलिए इन दोनों ने भी ट्रैकिंग शूट पहना हुआ था।

दोनों ही नहीं पहचानते थे दाभोलकर को 
लेकिन इनके सामने एक परेशानी यह थी कि इन दोनों में से किसी ने भी दाभोलकर की नहीं देखा था। इसीलिए पहचान को लेकर दिक्क्त सामने आ रही थी। उसके बावजूद भी इन दोनों की नजरें दाभोलकर का ही इंतजार कर रही थीं।

और उतार दिया मौत के घाट 
अब सवाल उठता है कि इन्होने दाभोलकर को पहचाना कैसे? दरअसल मॉर्निंग वॉक के लिए निकले दाभोलकर जब ओंकारेश्वर मंदिर के नजदीक महर्षि शिंदे पुल पर पहुंचे तो एक दूसरे व्यक्ति ने दाभोलकर का नाम लेकर सुबह का अभिवादन किया। बस फिर क्या था सचिन ने बाइक संभाली और शरद कलसकर ने पिस्तौल, और देखते ही देखते शरद ने दाभोलकर पर गोली चला दी, यही नहीं सचिन ने भी अपने पास रखी पिस्तौल से दाभोलकर पर फायर कर दिया। दाभोलकर घायल अवस्था में नीचे गिर पड़े और अचेत हो गए। दाभोलकर के शरीर से कुल 4 गोलियां मिली थीं।  

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