पुलिस को ढूंढती पुलिस।


पुलिस को ढूंढती पुलिस।
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कांदीवली के समता नगर में 2008 से कार्यरत 28 साल के सुवर्णा बाबू ठोकरे इन दिनो खुद पुलिस स्टेशन के चक्कर काट रहे है। वजह है उनकी छोटी बहन सुनीता ठोकरे। दरअसल सुवर्णा बाबू ठोकरे की छोटी बहन सुनीता ठोकरे अंधेरी के मरोल पुलिस मुख्यालय में पुलिस सिपाई के पद पर तैनात थी। सुवर्णा बाबू ठोकरे अपनी छोटी बहन सुनीता बाबू ठोकरे और बढ़े भाई सूरज ठोकरे के साथ विरार के लंबोदर आपर्टमेंट में रहते थे।

सुनीता ठोकरे ने पुलिस विभाग से गांव जाने के लिए 10 दिन की छुट्टी ली थी। सुनीता अपने भाई सुवर्णा के साथ मिलकर गांव जाने के लिए अपने घर में पैंकिंग कर रही थी। कुछ देर बात सुनीता कुछ सामान खरिदने के लिए घर से नीचे गई , लेकिन कई घंटो तक वह वापस नहीं लौटी। सुनीता का काफी देर तक इंतजार करने के बाद सुवर्णा ने आसपास वालो से सुनीता के बारे में पुछा। आसपास वालो से कोई संतुष्ट जवाब ना मिलने के बाद सुवर्णा ने पुलिस शिकायत कर दी। ये पूरी वारदात 16 मई को हुई।


लेकिन ठिक एक दिन बाद यानि 17 मई को सुवर्णा के मोबाईल पर अहमदाबाद से एक टैक्सीवाले का फोन आता है जो सुवर्णा को ये बताता है की उसकी बहन उसकी टैक्सी में सवार थी और अजीब अजीब बाते कर रही थी। पूरी खबर मिलने के बाद जब सुनीता के जीजा बिपिन प्राइवेट गाड़ी लेकर टैक्सी चालक से मिलने अहमदाबाद पहुंचे तो टैक्सी चालक ने बताया कि सुनीता की दिमांगी हालत कुछ ठीक नही थी वह काफी परेशान थी।


वही घर वालो का कहना है कि पुलिस सही तरीके से मदद करती तो शायद सुनीता अब तक मिल जाती , लेकिन पुलिस इस मामले में लापरवाही कर रही है।


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