भिंडी बाजार से अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक फ्लाइट पकड़ने के लिए जा रहे चार लोगों को डकैती का शिकार होना पड़ा। शिकायतकर्ता के अनुसार वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर खेरवाड़ी जंक्शन पर मंगलवार रात को पुलिस से होने का दावा करने वाले चार लोगो ने उनकी गाड़ी को रोका। जिसके बाद उनके पासपोर्ट सौंपने के लिए मजबूर किया गया और फिर अपनी टैक्सी छोड़ने और एक नकली पुलिसवाले ( FAKE POLICE) को कार में बैठने के लिए मजबूर किया गया और फिर उन्हें गोरेगांव ले जाया गया जहां उनका सामान लूट लिया गया।
उनके फोन, नकदी और अन्य सामानो के साथ लुटेरो ने वारदात को अंजाम देने के बाद वहा से फरार हो गए। इस घटना के कारण पिड़ितो का अपनी फ्लाइट भी मिस करनी पड़ी। खेरवाड़ी पुलिस अब इन नकली पुलिस की तलाश कर रही है।
पिड़ित मोहम्मद इमरान सैय्यद (26), मोहम्मद रियान (27), मोहम्मद धियार (26) और मोहिउद्दीन एजाज (29) छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए जा रहे थे, जहां से उन्हें दुबई के लिए एक उड़ान में सवार होना था। चारो काम के लिए अबू धाबी जा रहे थे। इमरान का नकली आभूषण का व्यवसाय है और वह अबू धाबी से कुछ सामग्री लेने जा रहा था, जबकि अन्य तीन अबू धाबी के नाइफ इलाके में रहते हैं और अलग अलग निजी आभूषण फर्मों के साथ काम करते हैं।
पुलिस अधिकारियों का कहना है की " भिंडी बाजार इलाके के रहने वाले चारों दोस्त मंगलवार रात करीब साढ़े आठ बजे मांडवी डाकघर के पास जमा हुए, जिसके बाद उन्होने को एयरपोर्ट जाने के लिए टैक्सी ली, बांद्रा वर्ली सी लिंक को पार करते हुए जैसे ही वह खेरवाड़ी के वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर पहुंचे तभी एक एसयूवी उनकी टैक्सी के पास आ गई, एसयुवी ने खाकी वर्दी पहने हुए तीन लोगो थे , नकली पुलिस ने पीड़ितों से पूछा कि वे कहाँ जा रहे थे और उन्होंने उसे बताया कि वे अबू धाबी के लिए एक उड़ान पकड़ने जा रहे थे जिसके बाद अन्य दो लोगों के सेल फोन और पासपोर्ट नकली पुलिस ने जब्त कर लिए और पिड़ितो के विरोध करने पर उन्हे तीनों ने उन्हें गिरफ्तार करने और छह महीने के लिए जेल में फेंकने की धमकी दी"
इसके बाद नकली पुलिस ने पिड़ितो को गाड़ी चलाने के लिए कहा। जैसी ही गाड़ी गोरेगांव में नेस्को ग्राउंड के पास पहुंची , तीनो नकली पुलिस वालो ने पिड़ितो के पास से उन्हें 1500 दिरहम, 900 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर, 1400 कुवैती दीनार और भारतीय मुद्रा में 1.20 लाख रुपये और सारा सामान ले लिया। इसके बाद तीनों ने पीड़ितों को पासपोर्ट लौटा दिए, उनके सेल फोन ले लिए और उन्हें सड़क पर छोड़कर भाग गए।
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