बृहन्मुंबई नगर निगम BMC उन दुकानों और प्रतिष्ठानों के खिलाफ 15 मई से कार्रवाई शुरू करेगी जिनके नाम मराठी भाषा में नही लिखे है। महाराष्ट्र सरकार द्वारा महाराष्ट्र दुकान और स्थापना अधिनियम में संशोधन के लगभग दो महीने बाद ये फैसला लिया गया है।
बीएमसी अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने उनसे मराठी भाषा का उपयोग करने की अपील की है और नियम के अनुसार नई नेमप्लेट बनाने के लिए कुछ दिनों का समय दिया है। इसके बावजूद निर्धारित अवधि के बाद भी यदि वे नियमों का पालन नहीं करते हैं तो उनके साथ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। एक नागरिक अधिकारी ने कहा कि बीएमसी निर्देश को लागू करने में विफल रहने वालों को नोटिस भेजेगी।
कोर्ट तय करेगी सज़ा
इसके अतिरिक्त नागरिक निकाय देवी-देवताओं, संतों, राष्ट्रीय नायकों और किलों के नामवाले पर शराब की दुकानों और बार के खिलाफ कार्रवाई करेगा। बीएमसी ने अप्रैल के पहले सप्ताह में संशोधित अधिनियम पर एक परिपत्र लाया था। जिसमे कहा गया है कि मराठी-देवनागरी लिपि के अक्षर दुकान के साइनबोर्ड में अन्य लिपियों के अक्षरों से छोटे नहीं रखे जा सकते। बीएमसी में 5.08 लाख दुकानें और प्रतिष्ठान पंजीकृत हैं।
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