मुंबई सहित राज्य के स्कूलों के छात्रों की उपस्थिति अब बायोमीट्रिक मशीन से लगेगी। शुरुआत में पालघर, उस्मानाबाद, लातूर, बीड और औरंगाबाद जैसी पांच जिलों में इस तीन महीने के लिए इस नियम को लागू किया जाएगा। बाद में इसे राज्य के जिलों के स्कूलों में भी लागू कर दिया जाएगा। यह बायोमीट्रिक मशीन सरकारी और अनुदान प्राप्त स्कूलों दोनों में लगाए जाएंगे।
पहले इस मशीन को जूनियर कॉलेजों में भी लगाने का निर्णय लिया गया क्योंकि कॉलेज के छात्र कोचिंग कक्षाओं के भरोसे रहते हैं वे कॉलेज जाते ही नहीं, और जाते भी है तो लेक्चर बंक करके घूमते हैं। इस पर रोक लगाने के लिए ही यह निर्णय लिया गया है।
लेकिन अब कक्षा 1 से लेकर 8 वीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्रों के लिए भी बायोमेट्रिक मशीन पर पंच कर अपनी हाजिरी लगानी पड़ेगी।
इस बारे में शिक्षा विभाग के उपसचिव राजेंद्र पवार ने एक जीआर जारी कर आदेश पर अमल करने को कहा है। जीआर में इस बात का भी जिक्र है कि शुरू में प्रायोगिक तौर पर इसे तीन महीने के लिए लागू किया जाएगा उसके बाद फिर उसे बढ़ाया जाएगा।
जीआर में यह भी बताया गया है कि इस योजना के लिए सरकार की तरफ से स्कूलों को कोई वित्तीय सहायता प्रदान नहीं किया जाएगा। साथ ही स्कूलों को ही डिजिटल सिस्टम के लिए बिजली की आपूर्ति करनी होगी।