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Chhath puja mumbai : छठ पूजा में BMC के इन नियमों का अवश्य करें पालन, वर्ना पड़ सकता है व्यवधान

इस बार कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) ने इस पूजा के लिए कुछ नियमों और शर्तों को जारी किया है। जिसका पालन करना अनिवार्य है।

Chhath puja mumbai : छठ पूजा में BMC के इन नियमों का अवश्य करें पालन, वर्ना पड़ सकता है व्यवधान
प्रतीकात्मक फोटो
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उत्तर भारत सहित बिहार (bihar)का सबसे बड़ा त्योहार छठ पूजा (chhath puja) इस बार 10 नवंबर 2021 को मनाया जाएगा। छठ पूजा का प्रारंभ 08 नवंबर सोमवार को नहाय खाय से होगा। तीन दिवसीय चलने वाले इस त्योहार में मुख्य रूप से सूर्य भगवान की पूजा की जाती है।

मुम्बई(mumbai) में भी रहने वाले उत्तर भारतीय मुख्य रूप से बिहार के रहने वाले लोग इस पर्व को बड़ी धूमधाम से मनाते हैं। इस दौरान मुम्बई के जुहू चौपाटी, गिरगांव चौपाटी, अक्सा बीच, पवई सहित अन्य समुद्री किनारों पर लोगों का भारी हुजूम दिखाई पड़ता है।

लेकिन इस बार कोरोना वायरस (coronavirus) के संक्रमण को देखते हुए बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) ने इस पूजा के लिए कुछ नियमों और शर्तों को जारी किया है। जिसका पालन करना अनिवार्य है।

बीजेपी (bjp) नेता भाल चन्द्र शिरसाट और विनोद मिश्रा छठ पूजा की अनुमति देने के लिए BMC से मांग की थी। जिसके बाद BMC ने कुछ शर्तों और नियमों के साथ इस मांग को मानते हुए छठ पूजा की अनुमति दी।

बीएसी द्वारा जारी क्या है नियम व शर्तें, आइए जानें....

जहां तक हो सके लोग सोशल डिस्टेंस का पालन करें।

छठ पूजा केे लिए सामुहिक आयोजन से बचें।

पूजा के समय भीड़ जमा न करें।

भक्तों को मात्र पूजा के लिए ही अनुमति दी गई है, अन्य किसी कार्यक्रम की नहीं।

कृत्रिम तालाबों के पास भीड़ न करें।

वॉर्ड स्तर सामाजिक संस्थाएं कृत्रिम तालाब बनाने के लिए प्रोत्साहित करें।

पूजा सम्पन्न होनेे के बाद संबंधित व्यक्ति द्वारा अथवा संस्था को ही कृत्रिम तालाबों को पाटना होगा।

पूजा की जगह की सफाई के लिए रसायनिक छिड़काव करना होगा, थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था होनी चाहिए।

ओपन एरिया में पूजा के समय कुल क्षमता का मात्र 50 प्रतिशत ही लोग उपस्थित हो, लेकिन अधिकतम 200 लोग से अधिक लोग शामिल नहीं हो सकते हैं।

जबकि बंद स्थानों पर 50 प्रतिशत यानि केवल 100 लोग ही एक साथ जमा हो सकते है।

स्वास्थ्य सेवा के लिए डॉक्टर दस्ता तैयार रहेगा।

आवश्यकता के अनुसार श्रद्धालुओं की भी आरटीपीसीआर जांच की जा सकती है।

ध्वनि प्रदूषण की अनुमति नहीं होगी।

नियमों का पालन नहीं करने पर पुलिस कार्रवाई भी कर सकती है।

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