भायखला – बस नवरात्रि शुरु होने में चंद दिन बाकी हैं। मूर्तिकार अंबे मां को आखिरी रूप दे रहे हैं। यह सुंदर मूर्तियों का नजारा है भायखला के रमेश परब चित्र शाला का। यह चित्रशाला 50 साल पुरानी है।
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