दिवाली बस कुछ ही दिन दूर है और जैनियों के बीच, दिवाली के 5 दिन बहुत ही शुभ और महत्वपूर्ण माने जाते हैं। इसके लिए हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें दिवाली की पूर्व संध्या पर शहर के 102 जैन मंदिरों को खुला रखने की अनुमति मांगी गई थी। उच्च न्यायालय ने मंगलवार को मुंबई (Mumbai) में दो जैन मंदिरों को दीपावली के पांच दिनों के दौरान धनत्रयोदशी से भाईदोज तक खोलने की अनुमति दी है।
जैन मंदिर ट्रस्ट की याचिका पर न्यायमूर्ति एस.जे. काथावाला और न्यायमूर्ति। अभय आहूजा की पीठ ने मंगलवार को सुनवाई की। जैनों के बीच, दिवाली के पांच दिन बेहद शुभ और महत्वपूर्ण माने जाते हैं। इसलिए याचिकाकर्ताओं के वकील प्रकाश शाह ने कहा कि इस दिन जैन मंदिरों को खोलने की अनुमति दी जानी चाहिए।
उच्च और उच्चतम न्यायालय के पूर्व के आदेशों का हवाला देते हुए, जैन समुदाय को सार्वजनिक रूप से अपने धार्मिक त्योहार मनाने और कोरोना काल के दौरान तीन मंदिरों को खुला रखने की अनुमति दी गई थी। लॉकडाउन के नियमों का पालन करने और सामाजिक दूरी को ध्यान में रखकर ही भक्त मंदिर में प्रवेश कर पाएंगे। इसलिए, याचिकाकर्ताओं ने मांग की कि राज्य सरकार को शहर में 102 मंदिरों को खुला रखने की अनुमति दी जानी चाहिए। राज्य सरकार ने बार, रेस्तरां और थिएटर खोलने की अनुमति पहले ही दी है।
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याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने यह भी तर्क दिया कि मंदिरों को खोलने की अनुमति नहीं देना अन्यायपूर्ण होगा। राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोनी ने इस पर आपत्ति जताई। यह असत्य है कि दीवाली केवल जैन समुदाय के लिए महत्वपूर्ण और शुभ है। इसलिए, याचिकाकर्ता केवल अपने समुदाय के लिए राहत नहीं मांग सकते। यह जनहित याचिका नहीं है, यह तर्क कुंबकोनी ने दिया था।
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