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स्लम इलाके में बने सार्वजनिक शौचालयों को हर दो घंटे में किया जाएगा सैनिटाइज

जारी सर्कुलर में कहा गया है कि टॉयलेट के दरवाजे अंदर-बाहर, अंदर-बाहर के दरवाज़े के हैंडल, हैंडल्स, टैप्स आदि को सैनिटाइज करना चाहिए।

स्लम इलाके में बने सार्वजनिक शौचालयों को हर दो घंटे में किया जाएगा सैनिटाइज
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नवनियुक्त BMC कमिश्नर इकबाल सिंह चहल द्वारा मुंबई के सभी वॉर्डों में एक जीआर जारी कर निर्देश दिया गया है कि स्लम इलाके में जितने भी सार्वजनिक शौचालय हैं उन सभी की हर दो घंटे में सफाई होनी चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि मुंबई की 60 फीसदी आबादी स्लम इलाकों में रहती है। और इन स्लम इलाकों में बने सार्वजनिक शौचालय को  कोरोना फैलने का सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है।

यही नहीं अभी हाल ही में जब केंद्र से एक मेडिकल जांच टीम आई थी तो उसने कई इलाकों के सार्वजनिक शौचलयों का भी निरीक्षण किया था, जिसमें से कई शौचालय गंदे पाए गए थे, इसके लिए संबंधित अधिकारियों को फटकार भी लगाई गई थी। और इस बारे में जल्द ही नियम बनाने का आदेश भी BMC को दिया गया था।


मुंबई में जितने भी रेड जोन हैं या कंटेन्मेंट जोन हैं, उसमें से अधिकांश स्लम इलाके हैं। झुग्गी झोपड़ियों में काफी सघन जनसंख्या रहती है, जबकि उतने शौचालय नहीं होते। तो ऐसे में सैकड़ो लोग एक ही शौचालय का उपयोग करते हैं। गंदगी इतनी होती है कि हमेशा बीमारी का डर बना रहता है।

इसका सबसे बड़ा उदाहरण है धारावी। धारावी इलाका जहां इस समय कोरोना अपने चरम पर है। यहाँ छोटे छोटे घरों में कई लोग रहते हैं। सोशल डिस्टेंस का नियम यहाँ लागू ही नहीं हो सकता।

और जब से स्लम इलाकों के द्वारा कोरोना फैलना शुरू हुआ है तभी से ही इन इलाकों में साफ-सफाई करने की भी बात की जा रही है ताकि कोरोना को फैलने से रोका जा सके। डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना शौचालयों से भी फैल सकता है।

लगातार बढ़ते हुए खतरे को देखते हुए BMC की तरफ से जो आदेश जारी किए गए हैं उसके मुताबिक अब सार्वजनिक शौचालयों को हर दो घंटे बाद साफ या सैनेटाइज किया जाएगा, विशेषतः जो कंटेन्मेंट जोन या रेड जोन में स्थित हैं।

जारी सर्कुलर में कहा गया है कि टॉयलेट के दरवाजे अंदर-बाहर, अंदर-बाहर के दरवाज़े के हैंडल, हैंडल्स, टैप्स आदि को सैनिटाइज करना चाहिए।

आपको बता दें कि मुंबई का वर्ली कोलीवाड़ा, धारावी, नागपाड़ा, जीजामाता नगर, चेंबूर, मुलुंड, बोरीवली, अंधेरी, मानखुर्द, गोरेगांव, मलाड, कांदिवली, वडाला संगम नगर, एंटॉप हिल क्षेत्र, बांद्रा बेहराम पाड़ा, मलाड मालवानी, कुरार गांव, देवनार और अन्य कई ऐसे इलाके हैं जहां बड़ी संख्या में लोग स्लम में रहते हैं। इन इलाकों में शौच के लिए लोगों के पास सार्वजनिक शौचालय के अलावा और कोई विकल्प नहीं है।

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