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OMG: KEM और टाटा अस्पताल ने 50 से अधिक मरीजों को हिंदमाता फ्लाईओवर के नीचे किया शिफ्ट

चौकानें वाली बात यह है कि इन मरीजों के लिए शौचालय की भी सुविधा नहीं हैं यानी ये मरीज खुले में शौचालय करने के लिए मजबूर हैं।

OMG: KEM और टाटा अस्पताल ने 50 से अधिक मरीजों को हिंदमाता फ्लाईओवर के नीचे किया शिफ्ट
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 मुंबई (mumbai) में कोरोना (Covid- 19) मरीज़ों की तुलना में अन्य मरीजों के साथ बेहद ही अपमानजनक और हैरान कर देने वाला सलूक किया जा रहा है। इंडिया टुडे की खबर के अनुसार मुंबई के केईएम (KEM Hospital) और टाटा हॉस्पिटल(TATA Hospital) के तकरीबन 50 से अधिक मरीजों को अस्पताल से निकालकर उन्हें हिंदमाता फ्लाईओवर(hindustan flyover) के नीचे शिफ्ट किया गया है, जिसमेंं कैसर के भी मरीज शामिल हैं। कोरोना की गंभीर स्थिति को देखते हुए मुंबई महानगरपालिका यानी BMC की तरफ से यह कार्रवाई की गयी है।

रिपोर्ट के अनुसार इन मरीजों में 35 महिला और बाकी सब पुरुष शामिल हैं। चौकानें वाली बात यह है कि इन मरीजों के लिए शौचालय की भी सुविधा नहीं हैं यानी ये मरीज खुले में शौचालय करने के लिए मजबूर हैं।

जिन मरीजों को शिफ्ट किया गया है, उनमें ज्यादातर बिहार, छत्तीसगढ़, यूपी जैसे राज्यों से मुंबई इलाज कराने आए हुए हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि, कैंसर से जूझते इन मरीजों को सड़क किनारे शिफ्ट कर दिया गया है और इनका इलाज भी लगभग बंद हो चुका है।

बता दें, कोरोना मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी को देखते हुए इन हॉस्पिटल में ओपीडी मरीजों का दाखिला बंद कर दिया गया है. साथ ही कोरोना मरीजों को अन्य मरीजों की तुलना में ज्यादा प्राथमिकता दी जा रही है.

इंडिया टुडे के हवाले से लिखा गया है कि, उन्होंने ऐसे दो मरीजों से बात की, जो बड़ी मुश्किल से बोल पा रहे थे।

मरीजों ने बताया कि उन्हें शनिवार को खाने के पैकेट मिले थे, उसके बाद उन्होंने कुछ नहीं खाया है। यहां तक कि उन्हें शौचालय की भी सुविधा नहीं मिली है। एक मरीज ने कहा कि इतना कुछ इसलिए झेलना पड़ रहा है क्योंकि वह कैंसर का मरीज है।

उधर, भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेता और पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने इस मुद्दे पर सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा, महाराष्ट्र सरकार बिल्कुल बेपरवाह है और लोग अगर आज प्रदेश में मुश्किल झेल रहे हैं तो यह सरकार की लापरवाही का नतीजा है।

सोमैया ने आगे कहा कि मरीजों को राहत देने के लिए उन्होंने केंद्र सरकार व प्रदेश के राज्यपालों को पत्र लिखा है क्योंकि प्रदेश के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे उनकी बात नहीं सुन रहे हैं।

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