मेट्रो-3 को अगर विवादों की मेट्रो कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगा। जब से मेट्रो-3 कार्य शुरू हुआ है तब से इसके साथ एक से एक विवाद जुड़ते ही जा रहे हैं। इसके विरोध में एक और नाम जुड़ गया है और वह नाम है सिद्धार्थ कॉलेज का।कार्य निर्माण के दौरान होने वाले आवाज और कॉलेज दिवारों के गिरते प्लास्टर से सिद्धार्थ कॉलेज के छात्र ही नहीं बल्कि शिक्षक भी डरे हुए हैं।
पढ़ाने में तेज आवाज बन रही बाधा
कॉलेज के प्रोफ़ेसर विष्णु भंडारे ने मुंबई लाइव को बताया कि कॉलेज में स्थित आनंद भवन और बुध्द भवन दोनों इमारत 100 साल पुरानी है और दोनों इमारतों को हेरिटेज घोषित किया गया है। लेकिन इन इमारतों को मेट्रो-3 के काम से नुक्सान हो रहा है। इमारत की दीवार और पिलर्स दरक रहे हैं। भंडारे ने आगे बताया कि आवाज इतनी अधिक मात्रा में होता है कि हम बच्चों को पढ़ा नहीं पाते, तो वहीँ छात्रों का कहना है कि पास-पास बैठे होने के बावजूद हम आवाज के कारण आपस में बात नहीं कर पाते हैं।
घट सकती है घटना
स्कूल प्रशासन ने आशंका जताई है कि तेज आवाज से इमारत में कंपन होती है, जिससे दीवारों के प्लास्टर उखड़ रहे हैं।प्रशासन ने आशंका जताई है कि इस इमारत में कभी भी दुर्घटना घट सकती है।
मुख्यमंत्री को लिखेंगे पत्र
महाविद्यालय के प्रिंसिपल डाँ. उमाजी म्हस्के ने मुंबई लाइव से कहा कि विकास को लेकर हमारा कोई विरोध नहीं है, लेकिन काम इस तरह से हो कि उससे किसी का कुछ नुकसान नहीं होना चाहिए। उमाजी ने आगे कहा कि पिछले 15 दिनों से हो रहे इस कष्ट से शिक्षक और छात्र काफी परेशानी में हैं और वे इसके लिए मुख्यमंत्री फडणविस को पत्र लिख कर इसमें दखल देने की मांग करेंगे।
काम बंद करो
मेट्रो-3 का कम बंद करो
मेट्रो-3 के कार्य से परेशान होकर अब छात्रों ने आक्रमक भूमिका निभाते हुए काम बंद करने की मांग की है। डॉ. म्हस्के ने बताया कि काम बंद करने के लिए छात्रों की सहायता से एक मुहीम चलाएंगे। हम मुख्यमंत्री, मुंबई मेट्रो रेल काँर्पोरेशन, मुंबई महानगर प्रदेश विकास प्राधिकरण और पुलिस विभाग को पत्र लिखेंगे।
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