हिंदी और मराठी फिल्मों के मशहूर अभिनेता रवि पटवर्धन (Ravi Patwardhan) का रविवार 6 दिसंबर को निधन हो गया। वे 83 साल के थे और पिछले काफी समय से दिल की बीमारी से जूझ रहे थे। उनकी मौत कार्डियक अरेस्ट की वजह से हुई।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो शनिवार रात से ही उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। इसके बाद उन्हें मुंबई के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ और रविवार सुबह उनका देहांत हो गया।
रवि पटवर्धन को हिंदी के साथ-साथ मराठी सिनेमा और रंगमंच में योगदान के लिए जाना जाता है।
यही नहीं उन्हें इसी साल मार्च महीने में भी दिल का दौरा पड़ा था।
अपने पीछे रवि पटवर्धन अपने परिवार में- पत्नी, दो बच्चों, बहू, दामाद और पोते-पोतियों को छोड़ गए हैं।
फिल्मों और टीवी सीरियलों में अधिकतर दादाजी का किरदार निभाने वाले रवि पटवर्धन ने अपने करियर में 200 से ज्यादा फिल्मों और 150 से ज्यादा नाटकों में काम किया था।
उन्होंने मराठी फिल्म में उम्बर्था, मफिछा साक्षीदार, सगलीकडे बोमाबॉम्ब, लंदन चा जवाई, माहेरची वाट, अगबाई ससुबाई सहित अन्य कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया है।
बॉलीवुड में भी उन्होंने तेजाब, चमत्कर, ठसक, मुजरिम, सलाखें, युगपुरुष, राजू बन गया जेंटलमैन जैसी फिल्में में काम किया है।
उन्होंने अधिकांश फिल्मों में पुलिसकर्मी, जज, वकील आदि जैसे कई किरदार निभाए हैं।