सोमवार, 25 अप्रैल को लाउडस्पीकर विवाद पर महाराष्ट्र सरकार द्वारा आयोजित सर्वदलीय बैठक में यह निर्णय लिया गया कि एक प्रतिनिधिमंडल केंद्र सरकार से मिलेगा और महाराष्ट्र में लाउडस्पीकर मुद्दे पर समाधान के बारे में चर्चा करेगा।
एएनआई की एक रिपोर्ट में राज्य के मंत्री आदित्य ठाकरे ने भी यही जानकारी दी थी। इस पर राज्य के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखना सरकार की जिम्मेदारी है।
It was decided in the meeting that a delegation will meet the Central Government and hold discussions over a solution to this issue (loudspeaker row in the state): Maharashtra Minister Aaditya Thackeray pic.twitter.com/e3AJNhYuRk
— ANI (@ANI) April 25, 2022
पाटिल ने बताया की कि अगर कोई राज्य में कानून-व्यवस्था का उल्लंघन करता है तो पुलिस कार्रवाई करेगी। उन्होंने आगे विस्तार से बताया कि अगर संघ लाउडस्पीकर पर राष्ट्रीय स्तर पर शासन करता है, तो राज्यों में मुद्दे नहीं उठेंगे, इसलिए सर्वदलीय बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इस पर चर्चा के लिए एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल केंद्र से मुलाकात करेगा।
मनसे प्रमुख राज ठाकरे, पूर्व सीएम, जो विपक्ष के नेता, देवेंद्र फडणवीस और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री जैसे प्रमुख राजनीतिक नेता बैठक में शामिल नहीं हुए। फडणवीस ने बाद में प्रेस कांफ्रेंस कर यह बताया कि पार्टी ने बैठक क्यों नहीं की। उन्होंने कहा कि उन्हें पाटिल से सर्वदलीय बैठक का निमंत्रण मिला था, लेकिन पिछले कुछ दिनों में जो कुछ हुआ है, उसे देखते हुए उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया।
We received an invitation from Maharashtra Home Min Dilip Walse Patil for an all-party meeting today, but we didn't go in view of what has happened in last few days. If someone has taken the role of Hitler, we felt it's better to fight instead of communicate:LoP Devendra Fadnavis pic.twitter.com/dUF5omDTiI
— ANI (@ANI) April 25, 2022
फडणवीस ने आगे सवाल किया कि ऐसी स्थिति में बैठक में जाने का क्या फायदा। उनका मानना है कि मुंबई में जो कुछ हो रहा है वह ठाकरे के इशारे पर हो रहा है। उन्होंने कहा कि अगर सीएम बैठक में मौजूद नहीं हैं तो इसका क्या फायदा। विपक्ष के नेता ने कहा कि राज्य सरकार विपक्ष को कुचलना और मारना चाहती है। उन्होंने सवाल किया कि क्या महाराष्ट्र में नहीं तो पाकिस्तान में हनुमान चालीसा बोली जाएगी।
उन्होंने घोषणा की, “अगर नवनीत और रवि राणा पर देशद्रोह का आरोप लगाया जाता है, तो हम सभी हनुमान चालीसा का जाप करेंगे,अगर सरकार में हिम्मत है, तो हम पर देशद्रोह का आरोप लगाने की कोशिश करें"
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